जज के खिलाफ अर्जी दायर करने वाला कभी नहीं दाखिल कर सकेगा पीआइएल
सर्वोच्च न्यायालय के जजों के खिलाफ अर्जी दायर करने वाला एख शख्स अब कभी जनहित याचिका दायर नहीं कर पाएगा।
नई दिल्ली (पीटीआई)। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के खिलाफ अर्जी दाखिल करने वाला शख्स अब आजीवन कोई भी जनहित याचिका (पीआइएल) दायर नहीं कर पाएगा। उस पर यह रोक सर्वोच्च न्यायालय ने लगाई है। साथ ही उस शख्स पर लगाए गए एक लाख रुपये के जुर्माने को भी बरकरार रखा है। राशिद अली सौदागर नामक इस शख्श ने अपने खिलाफ फैसला आने पर सुप्रीम कोर्ट के दो मौजूदा जजों के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी और एक लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका। इस पर उसने सुप्रीम कोर्ट से आदेश की समीक्षा करने की मांग की।
इस पर मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने सोमवार को उस पर लगाए गए एक लाख रुपये के जुर्माने वाले 27 मार्च के अपने आदेश की न सिर्फ समीक्षा करने से इन्कार किया, बल्कि भविष्य में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने पर भी पाबंदी लगा दी। हालांकि अदालत ने ने कहा कि राशिद निजी मसलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
अदालत ने राशिद अली को चार सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जुर्माने की रकम जमा करने के लिए कहा है। पीठ ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया है कि अगर तय समय में जुर्माने की रकम नहीं जमा होती है तो इस मामले को फिर से सूचीबद्ध किया जाए। इसी साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) और उसके चेयरमैन पर भी भविष्य में जनहित याचिका दायर करने पर पाबंदी लगा चुका है।
यह भी पढ़ें: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव रोकने की मांग वाली याचिका खारिज