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मुफ्त टीकाकरण का श्रेय लेने पर सियासत: ममता और राहुल समेत कइयों ने की केंद्र से की थी वैक्सीन खरीद के हक की मांग

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी आठ अप्रैल को प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर साफ कहा था कि राज्यों को वैक्सीन की खरीद और वितरण में ज्यादा स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। उनकी इस चिट्ठी को कांग्रेस के मुखपत्र कांग्रेस संदेश ने भी छापा था।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 09:36 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 09:37 PM (IST)
मुफ्त टीकाकरण का श्रेय लेने पर सियासत: ममता और राहुल समेत कइयों ने की केंद्र से की थी वैक्सीन खरीद के हक की मांग
ममता और राहुल समेत कइयों ने की केंद्र से की थी वैक्सीन खरीद के हक की मांग। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्र सरकार की ओर से सभी के मुफ्त टीकाकरण की जिम्मेदारी उठाने के बाद विपक्ष इसका श्रेय लेने की कोशिश भले ही कर रहा हो, लेकिन देर सबेर उसे और राज्यों को इसका जवाब देना पड़ सकता है कि आखिर वैक्सीन खरीदने की स्वतंत्रता की मांग और मुफ्त टीकाकरण के वादे के बावजूद वह क्यों असमर्थ हो गए। वैक्सीन खरीदने की स्वतंत्रता की मांग न केवल बंगाल और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों ने की थी, बल्कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी इसी की पैरोकारी कर रहे थे।

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कई भाजपा और गैर भाजपा शासित राज्यों ने केंद्र लिखी थी चिट्ठी

यह और बात है कि बाद में कई भाजपा और गैर भाजपा शासित राज्यों ने केंद्र से ही वैक्सीन खरीद कर उन्हें मुफ्त देने की चिट्ठी लिखी थी। मंगलवार को ट्विटर पर बहुत रोचक वाकया हुआ। कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने लिखा कि उन्होंने यह बताने की चुनौती दी थी कि किस राज्य ने अपने स्तर पर वैक्सीन खरीदने की स्वतंत्रता मांगी थी। लोगों ने उन्हें बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चिट्ठी भेज दी जिसमें उन्होंने वैक्सीन खरीदने की स्वतंत्रता मांगी थी। चिदंबरम ने लिखा कि वह अपनी गलती स्वीकार करते हैं। सच्चाई यह है कि ऐसी मांग करने वाली ममता अकेली नहीं थीं। अप्रैल में द्रमुक प्रमुख और तमिलनाडु के मौजूदा मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने संघवाद की याद दिलाते हुए प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी थी राज्यों को सीधे वैक्सीन खरीदने से नहीं रोका जाना चाहिए। वैक्सीन खरीदने का अधिकार राज्यों के पास होना चाहिए। सूत्र बताते हैं कि कुछ और राज्यों ने भी अनौपचारिक तौर पर इस तरह की बात की थी।

राहुल ने आठ अप्रैल को लिखी थी पीएम को चिट्ठी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी आठ अप्रैल को प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर साफ कहा था कि राज्यों को वैक्सीन की खरीद और वितरण में ज्यादा स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। उनकी इस चिट्ठी को कांग्रेस के मुखपत्र कांग्रेस संदेश ने भी छापा था। हालांकि एक महीना बीतते-बीतते उन्होंने खरीद की बात नकार दी और सिर्फ वितरण में स्वतंत्रता की बात करने लगे। एक खबर के अनुसार कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने तो एक कदम और आगे बढ़ते हुए कहा था कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है, केंद्र राज्यों को पूरी तरह नियंत्रित नहीं कर सकता है। राज्यों को भी वैक्सीन खरीद के लिए कांट्रैक्ट में शामिल होने का अधिकार होना चाहिए। पीएम ने राज्यों को दिखाया था आईनाएक दिन पहले शायद प्रधानमंत्री ने इसी का संकेत देते हुए कहा था कि राज्यों को अहसास हो गया कि दुनिया में वैक्सीन की क्या स्थिति है। लिहाजा राज्यों को उनकी मांग पर ही जिस 25 फीसद वैक्सीन की जिम्मेदारी दी गई थी वह भी अब केंद्र ही उठाएगा। बताने की जरूरत नहीं कि आने वाले समय में विपक्ष की ओर से लिए जा रहे श्रेय पर भाजपा का हमला तेज होगा।


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