गृहमंत्रालय की बैठक में शामिल नहीं होंगी ममता बनर्जी
छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए बड़े नक्सली हमले के बाद गृहमंत्रालय द्वारा बुलाई गयी मुख्यमंत्रियों की बैठक में ममता बनर्जी शामिल नहीं होंगी।
कोलकाता (एएनआई)। वामपंथी उग्रवाद से निपटने की रणनीति की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा सोमवार को बुलाए गए मुख्यमंत्रियों की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं होंगी। छत्तीसगढ़ के सुकमा में सीआरपीएफ के 25 जवानों की हाल में हुई हत्या के बाद आयोजित मीटिंग में गृहसचिव मलय डे राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे।
राज्य प्रशासन के अंदरुनी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री इस मीटिंग में नहीं शामिल होगी क्योंकि पहले से ही व्यस्त होंगी। पिछले माह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल के बैठक में भी बनर्जी नहीं शामिल हुईं थीं। उन्होंने वित्त मंत्री अमित मित्रा को बैठक के लिए भेजा था। लेकिन इसके लिए प्रधानमंत्री का निर्णय था कि राज्य का प्रतिनिधित्व केवल मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ही कर सकते हैं और इसलिए मित्रा बैठक में शामिल नहीं हो सके।
राजनीतिक समीक्षकों के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा बुलाए गए सभी बैठकों से गायब होकर बनर्जी 2019 में एनडीए के विरोध में खड़े होने की तैयारी में जुटी हैं। हालांकि वरिष्ठ तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा कि पहली बार ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने के कुछ महीनों बाद बंगाल में एक एनकाउंटर में किशनजी की हत्या के साथ माओवादियों से खतरा का अंत 2011 में हो गया था।
राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार, मुख्यमंत्री चाहती हैं कि गृह सचिव माओवादी खतरे को हटाने में बनर्जी सरकार की सफलताओं को पेश करें। बनर्जी कैबिनेट के मंत्री ने बताया, ‘ममता बनर्जी की सरकार आने के बाद जंगलमहल में माओवादी द्वारा एक भी इंसान को नहीं मारा गया।‘
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