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लोकसभा में कांग्रेस की कमान संभालेंगे खड़गे

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के इंकार के बाद कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खड़गे को लोकसभा में पार्टी का नेता नियुक्त किया है। राहुल द्वारा संगठन में काम करने की इ'छा जताए जाने के बाद पार्टी ने खड़गे के नाम पर मुहर लगा दी। इस पद के लिए राहुल गांधी के अलावा नौवीं बार लोकसभा चुनाव जीत कर आए कमलनाथ और पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता एम. वीरप्पा मोइली का नाम चल रहा था।

By Edited By: Published: Mon, 02 Jun 2014 06:28 PM (IST)Updated: Tue, 03 Jun 2014 07:27 AM (IST)
लोकसभा में कांग्रेस की कमान संभालेंगे खड़गे

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के इंकार के बाद कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खड़गे को लोकसभा में पार्टी का नेता नियुक्त किया है। राहुल द्वारा संगठन में काम करने की इच्छा जताए जाने के बाद पार्टी ने खड़गे के नाम पर मुहर लगा दी। इस पद के लिए राहुल गांधी के अलावा नौवीं बार लोकसभा चुनाव जीत कर आए कमलनाथ और पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता एम. वीरप्पा मोइली का नाम चल रहा था।

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कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने खड़गे को लोकसभा में पार्टी का नेता बनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस संसदीय दल के नेता के रूप में अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खड़गे को लोकसभा में पार्टी का नेता नियुक्त किया है।'

71 वर्षीय खड़गे 9 बार विधानसभा और लोकसभा के लिए दूसरी बार चुनकर आए हैं। खड़गे कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्हें संप्रग-2 में पवन बंसल के इस्तीफा देने के बाद रेल मंत्री बनाया गया था। लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद राहुल पार्टी की अगुआई से करने से बचना चाह रहे हैं। लोकसभा में पार्टी की नेतृत्व करने के बढ़ते दबाव को दरकिनार कर उन्होंने एक बार फिर संगठन में ही काम करने को प्राथमिकता देते हुए जिम्मेदारी से किनारा कर लिया है। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी के अनुभवी दलित चेहरे को लोकसभा में पार्टी की कमान सौंपी है। अपनी नियुक्ति पर खड़गे ने कहा है कि वह देश और समाज हित में मुद्दों के आधार पर काम करेंगे।

सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने यह फैसला लोकसभा में पार्टी का संख्याबल और संसदीय नियमों की जटिलता को देखते हुए लिया है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों में महज 44 सीटें जीत कर आई कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष का पद मिलना लोकसभा अध्यक्ष पर निर्भर करेगा। ऐसे में राहुल ने लोकसभा में पार्टी का नेतृत्व करने की बजाए संगठन को मजबूत करने के अपने एजेंडे को प्राथमिकता दी। वह जल्द ही देश के भ्रमण पर भी निकलने वाले हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक राज्य सभा में गुलाम नबी आजाद पार्टी के नेता हो सकते हैं।

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