Malegaon Blast Case: स्पेशल कोर्ट का निर्देश, बचाव पक्ष के वकीलों को सुरक्षा दे नासिक पुलिस
Malegaon Blast Case एनआइए की विशेष कोर्ट ने बचाव पक्ष के वकीलों को नासिक पुलिस से सुरक्षा देने को कहा है जो घटनास्थल का दौरा करना चाहते हैं।
मुंबई, एएनआइ। Malegaon Blast Case, मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई कर रही एनआइए की विशेष कोर्ट ने सोमवार को नासिक पुलिस से बचाव पक्ष के वकीलों को सुरक्षा प्रदान करने को कहा है। कोर्ट ने उन वकीलों को सुरक्षा देने को कहा है जो घटनास्थल का दौरा करना चाहते हैं। इससे पहले शुक्रवार को कोर्ट ने आरोपितों के गैरमौजूदगी पर नाखुशी जाहिर की थी। इस दौरान उसने सभी सातों आरोपितों को सप्ताह में एक बार पेश होने के लिए कहा है। बता दें कि इस मामले में भोपाल से भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित भी आरोपितों में शामिल हैं।
कोर्ट ने इस दौरान यह भी निर्देश दिया था कि बिना पर्याप्त कारण के पेशी से छूट नहीं दी जाएगी। कोर्ट में अभी मामले के गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। मामले पर अगली सुनवाई 20 मई को होगी। इस मामले में पुरोहित और ठाकुर के अलावा मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, अजय रहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी भी आरोपित हैं। ये सभी अभी जमानत पर हैं।
पिछले वर्ष अक्टूबर में कोर्ट ने सातों आरोपितों के खिलाफ आतंकी गतिविधि, आपराधिक साजिश और हत्या एवं अन्य का आरोप तय किया था। आरोपित गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत सुनवाई का सामना कर रहे हैं। इनके खिलाफ यूएपीए की धारा 16 (आतंकी गतिविधि अंजाम देना) और 18 (आतंकी गतिविधि की साजिश रचना) के तहत आरोप लगाया गया है।आइपीसी के तहत सभी के खिलाफ धारा 120 (बी) (आपराधिक साजिश), 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 324 (जानबूझकर नुकसान पहुंचाना) और 153 (ए) (दो धार्मिक समुदायों के बीच दुश्मनी बढ़ाना) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की उपयुक्त धाराओं के तहत भी आरोप लगाया गया है।
गौरतलब है कि 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में एक मस्जिद के समीप हुए धमाके में छह लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा घायल हो गए थे। मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल बांधे गए विस्फोटक पदार्थ से इसे अंजाम दिया गया था।
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