इस साल गुआम में होगा 'मालाबार' नौसैनिक अभ्यास, जानिए क्यों है यह खास
सैनिक अभ्यास 'मालाबार' इस बार गुआम में होगा। जून 2018 में होने वाले इस अभ्यास की तैयारियां अभी चल रही हैं।
By Arti YadavEdited By: Published: Thu, 26 Apr 2018 12:13 PM (IST)Updated: Thu, 26 Apr 2018 12:13 PM (IST)
style="text-align: justify;">नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। भारत, अमेरिका और जापान के बीच होने वाला सालाना नौसैनिक अभ्यास 'मालाबार' इस बार गुआम में होगा। जून 2018 में होने वाले इस अभ्यास की तैयारियां अभी चल रही हैं और माना जा रहा है कि इस बार ऑस्ट्रेलिया को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
गुआम द्वीप उत्तरी प्रशांत महासागर में स्थित है और इस पर अमेरिका का नियंत्रण है। पिछले वर्ष यह इसलिए चर्चित हुआ था कि उत्तर कोरिया ने इस पर हमला करने की धमकी दी थी। लेकिन, अमेरिका ने इस द्वीप का चयन अपने सबसे बड़े सैन्य अभ्यास के लिए काफी सोच-समझ कर किया है। जानकारों के मुताबिक, यह उत्तर कोरिया के साथ ही उसके सबसे बड़े सहयोगी देश चीन को भी एक महत्वपूर्ण संदेश है। इन तीनों देशों ने पिछले वर्ष यह नौसैनिक युद्धाभ्यास बंगाल की खाड़ी में किया था।
सनद रहे कि भारत व अमेरिका के बीच मालाबार सैन्य अभ्यास वैसे तो वर्ष 1992 में ही शुरू हुआ था, लेकिन दोनों देशों ने इसे 2002 से काफी गंभीरता से लेना शुरू किया। 2016 से जापान को इसका स्थायी सदस्य बनाया गया। पिछले वर्ष ऑस्ट्रेलिया ने भी इसमें शामिल होने की इच्छा जताई थी। बाद में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों के बीच चार देशों का एक अलग गठबंधन बनाने पर भी आधिकारिक तौर पर चर्चा हुई थी।
सैन्य अभ्यास करेंगे भारत-मलेशिया
भारत और मलेशिया के सैनिक 30 अप्रैल से दो हफ्ते का सैन्य अभ्यास करेंगे। इसका मकसद दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त अभ्यास 'हरिमाऊ शक्ति' मलेशिया के हुलु लंगत जिले के सेंगई पर्डिक के घने जंगलों में होगा। अभ्यास का लक्ष्य दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच सहयोग एवं समन्वय को बढ़ावा देना और जंगली इलाके में उग्रवाद निरोधक अभियान चलाने में विशेषज्ञता साझा करना है।
गुआम द्वीप उत्तरी प्रशांत महासागर में स्थित है और इस पर अमेरिका का नियंत्रण है। पिछले वर्ष यह इसलिए चर्चित हुआ था कि उत्तर कोरिया ने इस पर हमला करने की धमकी दी थी। लेकिन, अमेरिका ने इस द्वीप का चयन अपने सबसे बड़े सैन्य अभ्यास के लिए काफी सोच-समझ कर किया है। जानकारों के मुताबिक, यह उत्तर कोरिया के साथ ही उसके सबसे बड़े सहयोगी देश चीन को भी एक महत्वपूर्ण संदेश है। इन तीनों देशों ने पिछले वर्ष यह नौसैनिक युद्धाभ्यास बंगाल की खाड़ी में किया था।
सनद रहे कि भारत व अमेरिका के बीच मालाबार सैन्य अभ्यास वैसे तो वर्ष 1992 में ही शुरू हुआ था, लेकिन दोनों देशों ने इसे 2002 से काफी गंभीरता से लेना शुरू किया। 2016 से जापान को इसका स्थायी सदस्य बनाया गया। पिछले वर्ष ऑस्ट्रेलिया ने भी इसमें शामिल होने की इच्छा जताई थी। बाद में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों के बीच चार देशों का एक अलग गठबंधन बनाने पर भी आधिकारिक तौर पर चर्चा हुई थी।
सैन्य अभ्यास करेंगे भारत-मलेशिया
भारत और मलेशिया के सैनिक 30 अप्रैल से दो हफ्ते का सैन्य अभ्यास करेंगे। इसका मकसद दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त अभ्यास 'हरिमाऊ शक्ति' मलेशिया के हुलु लंगत जिले के सेंगई पर्डिक के घने जंगलों में होगा। अभ्यास का लक्ष्य दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच सहयोग एवं समन्वय को बढ़ावा देना और जंगली इलाके में उग्रवाद निरोधक अभियान चलाने में विशेषज्ञता साझा करना है।
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