International yoga day: तनाव मुक्त और प्रगतिशील होने के लिए योग और ध्यान को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं
योग का मकसद है दैनिक जीवन में हमारी खुशी और मुस्कुराहट बरकरार रहे। योग मानव को समग्र व्यक्त्वि विकास की ओर ले जाता है।
[श्री श्री रविशंकर]। आज हर किसी को शांति, खुशी और मुस्कुराहट चाहिए। यह तभी संभव है, जब हम अंदर से खुश हों। योग का मकसद है दैनिक जीवन में हमारी खुशी और मुस्कुराहट बरकरार रहे। योग मानव को समग्र व्यक्त्वि विकास की ओर ले जाता है। यह मानव विकास के लिए पूर्ण विज्ञान है...
यदि आप एक बच्चे को गौर से देखें, तो उसकी समस्त शारीरिक क्रियाएं अलग-अलग योग मुद्राओं के समान लगेंगी। उसका सोना, मुस्कराना आदि जैसे कार्य भी योग के समान प्रतीत होते हैं। इसलिए बच्चे हमेशा तनावमुक्त तथा खुश रहते हैं। वे एक दिन में 400 बार तक मुस्करा लेते हैं। हम स्वीकार करें या न करें, लेकिन हम सभी जन्मजात योगी हैं। बच्चों के सांस लेने का तरीका वयस्क लोगों से बिल्कुल अलग होता है। यह सांस ही है, जो शरीर और भावनाओं के मध्य सेतु का कार्य करती है।
योग मानवता को दी गई सबसे बड़ी देन
योग से हमें अनगिनत लाभ मिलते हैं। योग हमें न सिर्फ स्वस्थ रखता है, बल्कि हमें तनाव और कुंठामुक्त जीवन की ओर भी बढ़ाता है। योग मानवता को दी गई सबसे बड़ी देन है। योग एक ऐसा धन है, जिससे हमें संपूर्ण आराम मिलता है। योग से न सिर्फ हमारा शरीर रोगमुक्त होता है, बल्कि समाज भी हिंसा रहित होता है। संशय से मुक्त मन, बुद्धि की स्पष्टता, आघातमुक्त स्मृति और दुख से मुक्त आत्मा तो प्रत्येक मानव जीवन का अधिकार है। सभी लोग इस मकसद को पाने के लिए तड़प रहे हैं। योग इसका आसान-सा उत्तर है।
लोग सोचते हैं कि योग महज कसरत भर है। ऐसा नहीं है। 80 व 90 के दशकों में मैंने जब यूरोप का दौरा किया था, तब योग को आसानी से ग्रहण करने वाले लोग नहीं थे। आज यह जानकर प्रसन्नता होती है कि योग के महत्व को पहचान कर उसे मुख्य धारा में लाया जा रहा है। विश्व भर में योग आराम, खुश रहने और रचनात्मकता का पर्याय माना जाने लगा है।
योग हमारे अंदर कौशल विकास को बढ़ाता है
योग तो व्यक्ति का व्यवहार बदल देता है। व्यवहार व्यक्ति के तनाव के स्तर से सीधे संबंध रखता है। यह उस व्यक्ति में मित्रता के भाव जाग्रत करता है। योग हमारे वाइब्रेशन में फर्क लाता है। हम अपनी उपस्थिति से कई बार बहुत कुछ अभिव्यक्त कर देते हैं, जितना कि हम बोलकर नहीं कर सकते। यदि हम क्वांटम भौतिकी की तर्ज पर बात करें, तो हमारी अपनी वेबलेंथ और वाइब्रेशन होती हैं। जब हमारा संवाद टूटता है, तब हम अक्सर कहते हैं कि हमारी वेबलेंथ नहीं मिली। हमारा संवाद इस बात पर निर्भर करता है कि हम दूसरों से किस तरह बात करते हैं। यहां योग हमारे मन को साफ करता है। योग हमारे अंदर कौशल विकास को बढ़ाता है।
‘योग का अर्थ अपने कार्यों में दक्षता लाना है’
गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं, ‘योग का अर्थ अपने कार्यों में दक्षता लाना है।’ नवीनता, पूर्वाभास, कौशल और बेहतर संवाद, ये सभी योग के ही प्रतिफल हैं। यह शरीर, मन और भावनाओं को सार्वभौमिक ऊर्जा के साथ जोड़ता है। योग का अर्थ है- जोड़ना। जीवन के समस्त तत्वों को विधिवत जोड़ना। आज हमारे यहां भी बड़ी संख्या में लोग अवसाद के शिकार हो रहे हैं। दुखी लोगों को देखकर यह पता चलता है कि हमारे पास कितना तनाव है। आज व्यवसायी, शिक्षक, डॉक्टर सभी को शांति, खुशी और मुस्कराहट चाहिए। योग का मकसद है दैनिक जीवन में हमारी खुशी और मुस्कराहट बनी रहे।
चौथा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
योग मानव को समग्र व्यक्तित्व विकास की ओर ले जाता है। यह आंतरिक शक्ति को मजबूत करता है। योग मानव विकास के लिए एक पूर्ण विज्ञान है। अब जब चौथा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस सामने है, दुनिया भर में लगभग 2 अरब लोग योग का अभ्यास कर रहे हैं। मैं उन सभी का योग की इस दुनिया में स्वागत करना चाहता हूं, जिन्होंने अभी तक योग को अपनाने और उससे जीवन में स्वास्थ्य, खुशी और समृद्धि खोजने का कार्य शुरू नहीं किया है। तनाव मुक्त होने और प्रगतिशील होने के लिए योग और ध्यान को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। योग सपनों को साकार करने की आंतरिक शक्ति और आत्मविश्वास देता है। आइए, हम सब मिलकर करुणापूर्ण और प्रेममय विश्व के स्वप्न को साकार करने की ओर कदम बढ़ाएं। योग इसमें हमारी मदद करेगा।