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    Make in India: रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ी, हथियार बनाने के लिए करोड़ों का विदेशी निवेश हुआ प्राप्त

    By Shashank Shekhar MishraEdited By:
    Updated: Tue, 26 Jul 2022 12:10 AM (IST)

    रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया अभियान में शामिल होने के लिए देश को करोड़ों रुपये का विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है। यह जानकारी रक्षा राज्य मंत्री अजय भट ...और पढ़ें

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    अगले 5 वर्षो में भारत करीब 130 अरब डालर के हथियार और रक्षा उपकरण खरीद सकता है।

    नई दिल्ली, एजेंसियां। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा करने की दिशा में केंद्र सरकार आगे बढ़ रही है। रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया अभियान में शामिल होने के लिए देश को 494 करोड़ रुपये का विदेशी पूंजीनिवेश प्राप्त हुआ है। रक्षा क्षेत्र में यह निवेश सरकार के सितंबर 2020 में नीति में बदलाव के बाद आया है। सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने दी। मंत्री ने कहा, पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने देश में रक्षा उपकरणों के निर्माण को बढ़ावा देने वाले कदम उठाए हैं। 2020 में इसी सिलसिले में विदेशी पूंजीनिवेश की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की गई। जबकि कुछ मामलों में यह विदेशी निवेश 100 प्रतिशत तक है। मंत्री ने बताया कि नीति में बदलाव की अधिसूचना जारी होने के बाद से मई 2022 तक 494 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश प्राप्त हुआ। विदित हो कि भारत दुनिया के सबसे ज्यादा हथियारों की खरीद करने वाला देश है और ज्यादातर खरीद विदेशी कंपनियों से होती है।

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    'मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत भारत सैन्य हथियार बना रहा 

    अगले पांच वर्षो में भारत करीब 130 अरब डालर (दस लाख करोड़ रुपये से ज्यादा) के हथियार और रक्षा उपकरण खरीद सकता है। सरकार की कोशिश है कि भारतीय कंपनियां उच्च गुणवत्ता वाले हथियार बनाने की क्षमता प्राप्त करें और सरकार उनसे ही हथियार खरीदे। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में भट्ट ने बताया कि रक्षा उपकरण बनाने के लिए निजी क्षेत्र की 358 स्वदेशी कंपनियों को लाइसेंस दिए गए हैं। 'मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत भारत सैन्य हथियार बनाने में आत्मनिर्भरता की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। इसी का नतीजा है कि दुनिया की टाप 100 कंपनियों में भारत की 3 कंपनियों ने जगह बनाई है। स्वीडिश थिंक-टैंक स्टाकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड और इंडियन आर्डनेंस फैक्ट्रीज को टाप सौ कंपनियों में शामिल किया गया है।