मप्र बोर्ड परीक्षा में कम नंबर आए तो फिर से दे सकते हैं परीक्षा, मार्कशीट पर नहीं लिखा जाएगा सप्लीमेंट्री
मध्य प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मंडल ने सत्र 2020-21 से 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए कई बदलाव किए हैं। अगर एक बार विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा में फेल हो गया तो तीन माह बाद वह दोबारा परीक्षा दे सकता है। मार्कशीट पर सप्लीमेंट्री नहीं लिखा होगा।
अंजली राय, भोपाल। मध्य प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मंडल ( माशिमं ) ने सत्र 2020-21 से 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए कई बदलाव किए हैं। अगर एक बार विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा में फेल हो गया तो तीन माह बाद वह दोबारा परीक्षा दे सकता है। इसके साथ ही अब मार्कशीट पर सप्लीमेंट्री नहीं लिखा होगा या किसी फेल विषय के सामने स्टार नहीं लगेगा। मंडल मुख्य परीक्षा के तीन माह बाद फिर से एक परीक्षा लेगा। अगर किसी विद्यार्थी के कम अंक आए हैं तो वह सभी विषयों की परीक्षा दे सकता है।
जिस परीक्षा में अधिक अंक आएंगे, उस परीक्षा की मार्कशीट होगी मान्य
दुबारा परीक्षा में शामिल होने के लिए विद्यार्थियों को परीक्षा शुल्क देना होगा। जिस परीक्षा में अधिक अंक आएंगे, उस परीक्षा की मार्कशीट को मान्य कर दिया जाएगा। यह निर्णय मंडल अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया ने दो दिन पहले कमेटी की बैठक में लिया है।
मार्कशीट पर सप्लीमेंट्री नहीं लिखा जाएगा
उन्होंने कहा कि किसी विद्यार्थी को सप्लीमेंट्री की मार्कशीट देने से उसे अच्छा नहीं लगता है, कोई भी पहचान लेता है। इसलिए अब मार्कशीट पर सप्लीमेंट्री नहीं लिखा होगा, बल्कि जिस महीने में परीक्षा होगी उसका उल्लेख होगा। अगर कोई विद्यार्थी एक या दो विषय में फेल है तो वह तीन माह बाद होने वाली दूसरी परीक्षा में उसी विषय में बैठ सकता है। अगर वह सभी विषयों की परीक्षा देना चाहे तो दे सकता है।
11वीं के बाद 12वीं में बदल सकते हैं विषय
इसके अलावा अगर बारहवीं में कोई विद्यार्थी 11वीं से हटकर दूसरा विषय लेकर पढ़ाई करना और परीक्षा देना चाहे, तो दे सकता है। कोई आर्ट्स का विद्यार्थी विज्ञान लेकर 12वीं में परीक्षा देना चाहे तो दे सकता है। अब विद्यार्थियों पर किसी भी विषय को लेकर कोई पाबंदी नहीं होगी।
पहले यह होता था
-श्रेणी सुधार के लिए विद्यार्थियों को अगले साल परीक्षा देनी होती थी।
-इससे विद्यार्थियों का एक साल बर्बाद होता था।
-विज्ञान के विद्यार्थी कॉमर्स लेकर 12वीं में परीक्षा दे सकते थे। कॉमर्स या आर्ट्स के विद्यार्थी विज्ञान नहीं ले सकते थे।
-फेल विद्यार्थियों के लिए सप्लीमेंट्री परीक्षा होती थी।
-मार्कशीट पर सप्लीमेंट्री लिखा होता था।
अब यह होगा
-श्रेणी सुधार के लिए विद्यार्थी मुख्य परीक्षा के तीन माह बाद परीक्षा दे सकते हैं।
-उसी साल रिजल्ट में सुधार आ जाएगा।
-कोई भी विद्यार्थी संकाय बदल सकता है।
-कॉमर्स या आर्ट्स पढ़ने वाले भी विज्ञान विषय लेकर परीक्षा दे सकते हैं।
-मार्कशीट पर सप्लीमेंट्री नहीं लिखा होगा।