आपसी सौहार्द बनाए रखने को लेकर हिंदू और मुसलमान मिलकर मनाते हैं दुर्गा पूजा और दशहरे का त्योहार
अगरतला नगरपालिका क्षेत्र में मुसलमानों के साथ दुर्गा पूजा का आयोजन किया गया। यहां दुर्गा पूजा के आयोजन समिति के सदस्यों में मुसलमान भी शामिल हैं। पूजा समिति में शामिल एक मुसलमान आयोजक ने कहा कि धर्म एक व्यक्तिगत मामला है।
अगरतला, एएनआइ। पूरे देश में दुर्गा पूजा और दशहरे की धूम है। उत्तर पूर्वी भारत के त्रिपुरा राज्य में इस त्योहार पर हिंदू और मुसलमानों के बीच एक अलग आपसी सौहार्द दिखाई दिया। अगरतला नगरपालिका क्षेत्र में मुसलमानों के साथ दुर्गा पूजा का आयोजन किया गया। यहां दुर्गा पूजा के आयोजन समिति के सदस्यों में मुसलमान भी शामिल हैं। पूजा समिति में शामिल एक मुसलमान आयोजक ने कहा कि धर्म एक व्यक्तिगत मामला है। उत्सव सामाजिक चिंता का विषय है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि हम ईद के आयोजन में भी हिस्सा लेते हैं।
वहीं, पूजा समिति एक हिंदू आयोजक ने कहा कि हम पिछले 19 वर्षों से यहां दुर्गा पूजा का आयोजन कर रहे हैं। हमारा मानना है कि स्थायी सामंजस्य हासिल करने और प्रत्येक उत्सवों में भाग लेने के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं इस समिति का तीन साल से अध्यक्ष हूं।
पंडालों में भक्तों की उमड़ रही भीड़
बता दें कि शहर के विभिन्न स्थानों पर माता का दरबार सजाया गया है। बड़े-बड़े पंडाल तो नहीं बनाए गए हैं, लेकिन खूबसूरत तरीके से पूजा मंडप को सजाया गया है। रंग-बिरंगी रोशनी से पूजा मंडप सजा है। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच प्रतिमाओं के पट खोले गए। इस अवसर पर श्रद्धालु भक्ति भाव से सराबोर दिखे। शहर से लेकर गांव तक या देवी सर्वभूतेषु के मंत्र गूंजते रहे। पूजा करने के लिए पहुंच रही महिलाएं शारीरिक दूरी का पालन कर रही हैं। इस बार किसी तरह का मेले का आयोजन नहीं किया गया है। सिर्फ माता का दर्शन करने लोग आ रहे हैं।
दुर्गा पूजा के पंडालों पर खोईचा भरने के लिए शहर के मंदिरों में महिलाओं की भीड़ उमड़ी है। कोरोना महामारी के बीच खोईचा भरने के लिए मंदिरों में पहुंची महिलाएं मास्क पहनी हुई थी। जबकि मंदिर प्रबंधन द्वारा शारीरिक दूरी का पालन कराने का हर संभव प्रयास किया जा रहा था।