बदलाव : सही समय पर बेटी ब्याहो...और बहू को खूब पढ़ाओ
सामाजिक स्तर पर हुए सर्वे में यह बात सामने आई है कि उच्च शिक्षित समाज में आज युवतियों की शादी की औसत उम्र 25 से 28 और लड़कों की 28 से 30 वर्ष तक पहुंच चुकी है।
रामकृष्ण मुले, इंदौर। अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा ने अब सामाजिक स्तर पर युवक-युवतियों के लिए शादी की आदर्श उम्र तय की है। लड़कियों के लिए यह उम्र 21 जबकि लड़कों के लिए 25 वर्ष है। इसके चलते अब बेटी ब्याहो और बहू पढ़ाओ का नारा समाजजन को दिया गया है। इसमें समाजजन को समझाइश दी जा रही है कि आदर्श उम्र में बेटी की शादी करें और बहू की उच्च शिक्षा की जिम्मेदारी भी संभालें। यह उम्र तय करने के पीछे कारण पिछले 15 वर्ष में शादी की उम्र लगातार आगे खिसकना बताया जा रहा है। देरी का मुख्य कारण युवाओं द्वारा अपने करियर को प्राथमिकता देना है।
सामाजिक स्तर पर हुए सर्वे में यह बात सामने आई है कि उच्च शिक्षित समाज में आज युवतियों की शादी की औसत उम्र 25 से 28 और लड़कों की 28 से 30 वर्ष तक पहुंच चुकी है। इसके दुष्परिणाम के रूप में समाज की आबादी तेजी से कम होने के साथ ही अंतरजातीय विवाह बढ़ने जैसी बातें सामने आई हैं।
महासभा के साहित्य निर्माण समिति के सदस्य राम स्वरूप मूंदड़ा के अनुसार, शादी में देरी का कारण युवाओं को उच्च शिक्षा हासिल कर करियर बनाने के बाद शादी करना एक बड़ा कारण सामने आया है। बेटी की शादी सही उम्र में माता-पिता करें और बहू की उच्च शिक्षा की जिम्मेदारी ससुराल पक्ष संभालें। इस निर्णय के पीछे मंशा लड़कियों की भावना के सम्मान के साथ सामाजिक संतुलन को बनाए रखना है। महासभा के सभापति श्याम सोनी का कहना है कि सही समय पर विवाह से पारिवारिक समरसता बढ़ती है। देरी से विवाह के अपने नुकसान हैं जिन्हें दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
निर्णय को इस तरह पहनाएंगे अमली जामा
- शहर और गांवों में समाज के कपल क्लब के सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। इसमें उन्हें देरी से विवाह और एकल संतान के नुकसान बताए जाएंगे।
- देशभर में 12 से 18 साल की लड़कियों के लिए काउंसलिंग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें समाज की महत्ता बताई जाएगी।
- अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा, जिला माहेश्वरी महासभा और स्थानीय स्तर के संगठन मिलकर जनजागृति अभियान चलाएंगे।
इसलिए तय की उम्र
- 4 फीसदी की दर से हर साल समाज की आबादी घट रही है। इसका एक बड़ा कारण देरी से विवाह होना भी है।
- 20 फीसदी अंतरजातीय विवाह के मामले भी समाज में सामने आ रहे हंै। इसे रोकने के लिए भी सही समय पर बच्चों के विवाह पर जोर दिया जा रहा है।
- हाल ही में हुए निर्णय में युवाओं का नारा हम दो हमारे तीन दिया गया है। इसके लिए भी जरूरी है कि विवाह सही समय पर हो।
- हाल ही में समाज की देशभर में हुई समाज की जनगणना में समाज की आबादी में ढाई लाख तक की कमी आई है। 2015 में समाज की जनसंख्या का आंकड़ा 16 लाख था।
निर्णय के क्रियान्वयन के लिए बैठक
महासभा के निर्णय के क्रियान्वन के लिए माहेश्वरी समाज जिला इंदौर की कार्यसमिति की बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें समाज के नौ क्षेत्रों के पदाधिकारी भाग लेंगे। इसमें निर्णय को प्रभावी बनाने के लिए महासभा के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य किया जाएगा।
- बसंत खटोड़, मंत्री माहेश्वरी समाज जिला इंदौर