महाशिवरात्रि के दिन महाकाल के दर्शन कर भक्त हुए अभिभूत, 50 हजार से अधिक पहुंचे श्रद्धालु
बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात ढाई बजे मंदिर के पट खुले। इसके बाद पुजारियों ने भस्मारती की। सुबह छह बजे से दर्शन का क्रम शुरू हुआ। दोपहर 12 बजे शासकीय पूजा हुई। शाम चार बजे पुजारियों ने होलकर व सिंधिया स्टेट की ओर से भगवान महाकाल की पूजा की।
उज्जैन, जेएनएन। ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर गुरुवार को भक्त भगवान महाकाल के दर्शन कर अभिभूत नजर आए। देश-विदेश से आए 50 हजार से अधिक भक्तों ने अवंतिकानाथ के दर्शन किए। शुक्रवार सुबह छह से 10 बजे तक महाकाल के मुकुट दर्शन होंगे। इसके पश्चात मुकुट उतारा जाएगा। दोपहर 12 बजे साल में एक बार दिन में होने वाली भस्मारती होगी। इसके आधा घंटा बाद भोग आरती होगी।
बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात ढाई बजे मंदिर के पट खुले। इसके बाद पुजारियों ने भस्मारती की। सुबह छह बजे से दर्शन का क्रम शुरू हुआ। दोपहर 12 बजे शासकीय पूजा हुई। शाम चार बजे पुजारियों ने होलकर व सिंधिया स्टेट की ओर से भगवान महाकाल की पूजा की।
भांग आदि सामग्री के साथ केसर मिश्रित दूध से भगवान का किया गया अभिषेक
रात्रि 11 बजे महानिशा काल में महाकाल की महापूजा शुरू हुई। पुजारियों ने दूध, दही, खंडसारी, शहद, घी, पांच प्रकार के फलों का रस, गन्ने का रस, गंगाजल, गुलाब जल, भांग आदि सामग्री के साथ केसर मिश्रित दूध से भगवान का अभिषेक किया। भगवान को शिव सहस्त्र नामावली से बिल्व पत्र अर्पित किए गए।
अभिषेक पूजन के बाद भगवान को नए वस्त्र और सप्तधान मुखारविंदधारण कराकर उनके शीश पर फूल व फलों से बना मुकुट सजाया। इसके पश्चात चावल, मूंग, तिल, मसूर, गेहूं, जौ, साल आदि सप्तधान अर्पित कर आरती की। भगवान पर चांदी के सिक्के व चांदी के बिल्व पत्र न्यौछावर किए गए।