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RSS का 96वां स्थापना दिवस आज, मोहन भागवत बोले- OTT प्लेटफार्म पर कैसे-कैसे चित्र आते हैं, कोई नियंत्रण नहीं

आरएसएस प्रमुख के विजयादशमी के संबोधन को संगठन के लिए सबसे महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है। उनके संबोधन के दौरान भविष्य की योजनाओं और दृष्टि को सभी के पालन हेतु सामने रखा जाता है। वहीं राष्ट्रीय महत्व के कई मुद्दों पर आरएसएस के रुख को भी जाना जाता है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 08:22 AM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 12:45 PM (IST)
RSS का 96वां स्थापना दिवस आज, मोहन भागवत बोले- OTT प्लेटफार्म पर कैसे-कैसे चित्र आते हैं, कोई नियंत्रण नहीं
महाराष्ट्र: विजयदशमी के मौके पर RSS ने किया 'शस्त्र पूजन', मोहन भागवत भी रहे मौजूद

नागपुर, एजेंसी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने वार्षिक विजयादशमी संबोधन से पहले शुक्रवार को यहां अपने मुख्यालय में 'शस्त्र पूजन' किया। भागवत ने डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और माधव सदाशिव गोलवलकर को भी पुष्पांजलि अर्पित की। आरएसएस ने ट्वीट किया, 'सरसंघचालक, डॉ मोहन जी भागवत ने डॉ हेडगेवार और गुरुजी गोलवलकर की समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की।' वहीं, फिर उन्होंने अपना संबोधन दिया।

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-मंदिरों की जमीन बेची गई। मंदिरों की संपत्ति हड़पी जाती है। जिन लोगों को हिंदू देवी देवताओं पर श्रद्धा नहीं है, उनके लिए हिंदू मंदिरों की संपत्ति का इस्तेमाल किया जाता है। हिंदुओं को भी आवश्यकता है, वह संपत्ति उनपर नहीं लगाई जाती है: RSS प्रमुख मोहन भागवत

-सीमा पार से अवैध घुसपैठ पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाया जाए। राष्ट्रीय नागरिक पत्रिका का निर्माण कर इन घुसपैठियों को नागरिकता के अधिकारों से वंचित किया जाए: RSS प्रमुख मोहन भागवत

-जनसंख्या नीति पर एक बार फिर से विचार किया जाना चाहिए। 50 साल आगे तक का विचार कर नीति बनानी चाहिए और उस नीति को सभी पर समान रूप से लागू करना चाहिए, जनसंख्या का असंतुलन देश और दुनिया में एक समस्या बन रही है: RSS प्रमुख मोहन भागवत

-आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बोले, 'ओटीटी प्लेटफार्म पर जो दिखाया जाता है, उस पर कोई नियंत्रण नहीं है, कोरोना के बाद बच्चों के पास भी फोन हैं। नशीले पदार्थों का प्रयोग बढ़ रहा है...इसे कैसे रोकें? ऐसे कारोबारों के पैसे का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में किया जाता है... इन सब पर नियंत्रण होना चाहिए।'

-विश्व को खोया हुआ संतुलन व परस्पर मैत्री की भावना देने वाला धर्म का प्रभाव ही भारत को प्रभावी करता है। यह ना हो पाए इसीलिए भारत की जनता, इतिहास, संस्कृति इन सबके विरुद्ध असत्य कुत्सित प्रचार करते हुए, विश्व को तथा भारत के जनों को भी भ्रमित करने का काम चल रहा है: RSS प्रमुख

-मोहन भागवत बोले, 'जिस शत्रुता और अलगाव के कारण विभाजन हुआ उसकी पुनरावृत्ति नहीं करनी है। पुनरावृत्ति टालने के लिए, खोई हुई हमारे अखंडता और एकात्मता को वापस लाने के लिए उस इतिहास को सबको जानना चाहिए। खासकर नई पीढ़ी को जानना चाहिए। खोया हुआ वापस आ सके खोए हुए बिछड़े हुए वापस गले लगा सकें।'

-RSS विजयादशमी कार्यक्रम में कोब्बी शोशनी, इजरायल के महावाणिज्य दूतावास (मुंबई) शामिल हुए।

-जिस दिन हम स्वतंत्र हुए उस दिन स्वतंत्रता के आनंद के साथ हमने एक अत्यंत दुर्धर वेदना भी अपने मन में अनुभव की वो दर्द अभी तक गया नहीं है। अपने देश का विभाजन हुआ, अत्यंत दुखद इतिहास है वो, परन्तु उस इतिहास के सत्य का सामना करना चाहिए, उसे जानना चाहिए: RSS प्रमुख मोहन भागवत

-मोहन भागवत बोले, 'हम ऐसी संस्कृति नहीं चाहते जो विभाजन को और लंबा करे, बल्कि वह संस्कृति जो राष्ट्र को एक साथ बांधे और प्रेम को बढ़ावा दे। इसलिए, जयंती, त्योहार जैसे विशेष अवसर एक साथ मनाए जाने चाहिए।'

-'स्वाधीनता' से 'स्वतंत्रता' तक का हमारा सफर अभी पूरा नहीं हुआ है। दुनिया में ऐसे तत्व हैं जिनके लिए भारत की प्रगति और एक सम्मानित स्थान पर उसका उदय उनके निहित स्वार्थों के लिए हानिकारक है: विजयादशमी 2021 के अवसर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

आरएसएस प्रमुख के विजयादशमी के संबोधन को संगठन के लिए सबसे महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है। उनके संबोधन के दौरान भविष्य की योजनाओं और दृष्टि को सभी के पालन हेतु सामने रखा जाता है। वहीं, राष्ट्रीय महत्व के कई मुद्दों पर आरएसएस के रुख को भी जाना जाता है।

हालांकि, चल रही COVID-19 महामारी के बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने वार्षिक विजया दशमी संबोधन के लिए किसी भी मुख्य अतिथि को आमंत्रित करने से परहेज किया है। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब आरएसएस ने यहां अपने सरसंघचालक द्वारा वार्षिक विजयादशमी संबोधन के लिए किसी अतिथि को आमंत्रित नहीं किया।

पिछले वर्षों में, विजया दशमी कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, एचसीएल प्रमुख शिव नादर और बाल अधिकार कार्यकर्ता और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी सहित कई प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति देखी गई है। बता दें कि दशहरा या विजया दशमी, हिंदू कैलेंडर के अनुसार अश्विन के महीने में नवरात्रि उत्सव के 9 दिनों के बाद 10 वें दिन मनाया जाता है।


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