हैलो नहीं 'वंदे मातरम' बोलेंगे महाराष्ट्र के सरकारी अधिकारी, CM एकनाथ शिंदे ने जारी किया आदेश
महाराष्ट्र के सरकारी अधिकारी अब फोन पर बात करने के दौरान सबसे पहले हैलो नहीं ब्लकि वंदे मातरम शब्द का उपयोग करेंगे। एकनाथ शिंदे की सरकार ने आदेश जारी कर दिया है। शिंदे के इस आदेश के बाद विपक्षी जमकर भाजपा पार्टी पर हमला कर रहे हैं।
नई दिल्ली। एनएआइ। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को एक सरकारी प्रस्ताव जारी किया है। इस प्रस्ताव के मुताबिक, सभी सरकारी कर्मचारियों को मोबाइल या टेलीफोन पर बात करने के दौरान सबसे पहले हैलो नही बल्कि वंदे मातरम बोलना अनिवार्य कर दिया है।
राज्य की एकनाथ शिंदे की सरकार ने शनिवार को आदेश जारी किए है। ये आदेश सरकारी कर्मचारियों के अलावा उन संस्थानों के कर्मचारियों के लिए भी है जो सरकार की ओर से जारी फंड पर चलते हैं।
क्या दिया गया आदेश
सरकारी आदेश के अनुसार, नागरिकों या सरकारी अधिकारियों से टेलीफोन या मोबाइल फोन कॉल पर बात करते समय हैलो के बजाय वंदे मातरम का इस्तेमाल करें। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी जीआर में कहा गया है कि अधिकारी उनसे मिलने वाले आम लोगों से भी ऐसा करने के लिए जागरूकता पैदा करें। जीआर ने कहा, 'हैलो' शब्द पश्चिमी संस्कृति का शब्द है और केवल 'बिना किसी खास अर्थ के अभिवादन का तरीका है और इससे कोई स्नेह पैदा नहीं होता है।'
विपक्षियों ने कसा तंज
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ( AIMIM) विधायक वारिस पठान ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शिंदे सरकार सिर्फ जनता का असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए नया ड्रामा क्रिएट कर रही है। वारिस पठान ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, "अगर हम वंदे मातरम नहीं कहेंगे तो आप क्या करेंगे? क्या वंदे मातरम बोलने से लोगों को नौकरी मिलेगी? क्या किसानों का कर्ज माफ होगा? महंगाई कम होगी?"
सपा नेता अबू आजमी ने भी किया बहिष्कार
सपा नेता अबू आजमी ने शिंदे सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा जानबूझकर वंदे मातरम वाला आदेश लेकर आई है ताकि हिंदू-मुस्लिम के बीच में दरार आ जाए। अबू आजमी ने आगे कहा कि हम अपने देश को प्यार करते हैं लेकिन हमारा सिर केवल अल्लाह के सामने झुकता है। हम कभी भी वंदे मातरम नहीं बोलेंगे।