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पुलिस अफसरों के तबादले की सूची देशमुख को भेजते थे मंत्री, बांबे हाई कोर्ट को ईडी ने दी जानकारी

ईडी ने अनिल देशमुख के निजी सचिव रहे संजीव पलांडे के बयान के हवाले से बांबे हाई कोर्ट को बताया कि राज्य के एक कैबिनेट मंत्री एसीपी या ऊंची रैंक के पुलिस अधिकारियों के तबादले और तैनाती के मकसद से एक सूची देशमुख को भेजाते थे।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 02:03 AM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 07:18 AM (IST)
पुलिस अफसरों के तबादले की सूची देशमुख को भेजते थे मंत्री, बांबे हाई कोर्ट को ईडी ने दी जानकारी
पुलिस अफसरों के तबादले की सूची देशमुख को भेजते थे मंत्री।

मुंबई, प्रेट्र। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के निजी सचिव रहे संजीव पलांडे के बयान का हवाला देते हुए बांबे हाई कोर्ट को बताया कि राज्य के एक कैबिनेट मंत्री एसीपी या उससे ऊंची रैंक के पुलिस अधिकारियों के तबादले और तैनाती के मकसद से एक सूची देशमुख को भेजा करते थे। ईडी ने शुक्रवार को अदालत में दाखिल हलफनामे में कहा कि देशमुख के निर्देश पर पलांडे वह अनौपचारिक सूची पुलिस स्थापना बोर्ड को भेजा करते थे। ईडी ने पलांडे की उस याचिका का विरोध करते हुए यह हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज मनी लांड्रिंग मामले को रद करने का अनुरोध किया था।

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सूची में शिवसेना के संबंधित विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के नाम भी होते थे

पलांडे के बयान का हवाला देते हुए ईडी ने यह दावा भी किया कि एक मंत्री सूची के साथ तत्कालीन गृह मंत्री (देशमुख) से मिलते थे। इसमें उन पुलिस अधिकारियों और स्थानों का नाम होता था, जहां उनका स्थानांतरण किया जाना होता था। इसके अलावा इस सूची में शिवसेना के संबंधित विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के नाम भी होते थे।

पलांडे को ईडी ने इसी साल जून में गिरफ्तार किया था

हलफनामे में कहा गया है कि इसके अलावा पलांडे ने बार मालिकों से वसूले जाने वाले पैसे में वृद्धि की संभावना पर चर्चा करने के लिए बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे और देशमुख के बीच बैठकों की व्यवस्था करने में भी अहम भूमिका निभाई थी। पलांडे को ईडी ने इसी साल जून में गिरफ्तार किया था।

पलांडे का आरोप

राकांपा नेता भी न्यायिक हिरासत में हैं। अपनी याचिका में पलांडे ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ दर्ज मनी लांड्रिंग का मामला राजनीति से प्रेरित है और उन्हें झूठा फंसाया गया है। हलफनामे में ईडी ने कहा कि पलांडे ने साफ मंशा से हाई कोर्ट से संपर्क नहीं किया था। उसने अपने बयान में स्वीकार किया था कि एक कैबिनेट मंत्री अनिल देशमुख को तबादलों और पोस्टिंग के उद्देश्य से एसीपी और उससे ऊपर के रैंक के पुलिस अधिकारियों की सूची भेजता था।


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