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महाराष्ट्र सिंचाई घोटाले की जांच एसआइटी के हवाले

मुंबई [जासं]। महाराष्ट्र सरकार ने सिंचाई घोटाले की जांच विशेष जांच टीम [एसआइटी] से कराने का एलान किया है। घोटाले पर श्वेत पत्र को छलावा बताते हुए विपक्ष एसआइटी से जांच कराने के लिए दबाव बना रहा था। एसआइटी छह माह में अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी।

By Edited By: Published: Mon, 17 Dec 2012 08:34 PM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2012 08:55 PM (IST)
महाराष्ट्र सिंचाई घोटाले की जांच एसआइटी के हवाले

मुंबई [जासं]। महाराष्ट्र सरकार ने सिंचाई घोटाले की जांच विशेष जांच टीम [एसआइटी] से कराने का एलान किया है। घोटाले पर श्वेत पत्र को छलावा बताते हुए विपक्ष एसआइटी से जांच कराने के लिए दबाव बना रहा था। एसआइटी छह माह में अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी।

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सोमवार को विधानसभा में राज्य के जल संसाधन मंत्री सुनील तटकरे ने जानकारी दी कि सिंचाई विशेषज्ञ माधव चितले एसआइटी की अगुआई करेंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जांच के नियम-कायदे और सदस्यों की घोषणा भी 31 दिसंबर तक कर दी जाएगी। डॉ. चितले केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय में सचिव रहे हैं। वह केंद्रीय जल निगम के अध्यक्ष सहित कई अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। श्वेत पत्र में राकांपा नेता अजीत पवार को क्लीन चिट के बाद विपक्ष ने पिछले हफ्ते एसआइटी जांच लेकर विधानसभा नहीं चलने दी थी।

विधानसभा में विपक्ष के नेता एकनाथ खडसे ने एसआइटी जांच का स्वागत तो किया मगर तफ्तीश केनियम-कायदोंके भी जल्द एलान पर जोर दिया। उन्होंने मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे अफसरों को जांच टीम से दूर रखने की मांग की।राकांपा अध्यक्ष मधुकर पिचाड का हवाला देते हुए खडसे ने अजीत पवार पर सरकार से बाहर रहने का दबाव फिर बढ़ाया। खडसे ने याद दिलाया कि जब भाजपा-शिवसेना सरकार के खिलाफ जांच हुई थी तो पिचाड ने तत्कालीन सिंचाई मंत्री महादेवराव शंकर से निष्पक्ष जांच के लिए पद छोड़ने को कहा था। लिहाजा अब भी यह परंपरा निभाई जानी चाहिए। गौरतलब है कि कांग्रेस-राकांपा की गठबंधन सरकार के ज्यादातर कार्यकाल में सिंचाई विभाग अजीत के पास रहा है। खडसे ने यह भी कहा कि कथित घोटाले को लेकर हाई कोर्ट में तमाम याचिकाएं दाखिल हैं। अगर सरकार कोर्ट को एसआइटी के गठन की जानकारी दे तो इससे अदालत के दिशानिर्देशों के मुताबिक जांच कराई जा सकेगी।

विधान परिषद में नेता विरोधी दल विनोद तावड़े ने कहा कि हम सिंचाई घोटाले पर अपने पास उपलब्ध जानकारियां एसआइटी को देंगे। मालूम हो कि सिंचाई घोटाले की वजह से अजीत पवार ने उप मुख्यमंत्री पद छोड़ा था। लेकिन श्वेतपत्र में क्लीनचिट मिलने के बाद वह पुन: उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं।

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