महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- कोरोना के चलते उचित नहीं होगी धार्मिक आयोजनों की मंजूरी
महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि कोरोना महामारी के बीच नांदेड़ गुरुद्वारे को पारंपरिक दशहरा जुलूस निकालने की अनुमति देना व्यावहारिक रूप से उचित नहीं होगा। जस्टिस एल नागेश्वर राव की पीठ याचिका पर सोमवार को सुनवाई कर सकती है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि कोरोना महामारी के बीच नांदेड़ गुरुद्वारे को पारंपरिक दशहरा जुलूस निकालने की अनुमति देना व्यावहारिक रूप से उचित नहीं होगा। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए ही किसी भी तरह के धार्मिक आयोजनों की अनुमति नहीं देने का फैसला किया गया है।
महाराष्ट्र सरकार ने कहा- प्रतिबंधों और शर्तो को सख्ती से लागू कराना असंभव है
राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में यह भी कहा है कि पुराने अनुभवों को देखते हुए प्रतिबंधों और शर्तो को सख्ती से लागू कराना असंभव है। जस्टिस एल नागेश्वर राव की पीठ इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई कर सकती है।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को कोरोना से नांदेड़ के हालात की दी जानकारी
नांदेड़ सिख गुरुद्वारा सचखंड श्री हजूर अब्चालनगर साहिब बोर्ड की याचिका पर पीठ ने 16 अक्टूबर को महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा था। राज्य सरकार ने कोरोना से नांदेड़ के हालात की जानकारी भी दी है।
सरकार ने कहा- कोरोना महामारी के चलते धार्मिक आयोजनों पर लगाई गईं पाबंदियां
राज्य सरकार ने कहा है कि महामारी को रोकने के लिए इस साल मार्च में पाबंदियां लगाई गई थीं। सभी लोग इसका पालन कर रहे हैं। गुडी पड़वा, राम नवमी, महावीर जयंती, ईस्टर संडे, बुद्ध पूर्णिमा, ईद, बकरीद, मुहर्रम और नवरात्रि जैसे त्योहारों को भी मनाने की अनुमति नहीं दी गई।
सभी ने घरों में रहकर ही त्योहार मनाए हैं, याचिका पर अलग से फैसला लेना उचित नहीं होगा
सरकार ने कहा कि सभी लोगों ने अपने घरों में रहकर ही त्योहार मनाए हैं। इसलिए इस याचिका के लिए अलग से कोई फैसला लेना उचित नहीं होगा। राज्य में कोरोना की स्थिति की अनदेखी नहीं की जा सकती है।