महाराष्ट्र को केंद्र सरकार से मिली बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस टेस्ट करने की मंजूरी, देश में मिले सबसे ज्यादा केस
केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को खून (ब्लड) की जांच के जरिये बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस टेस्ट कराने की अनुमति प्रदान कर दी है।
मुंबई, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को खून (ब्लड) की जांच के जरिये बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस टेस्ट कराने की अनुमति प्रदान कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, स्वैब से नहीं बल्कि ब्लड से होगा टेस्ट
पत्रकारों से बातचीत में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि त्वरित जांच के लिए राज्य सरकार स्वैब की जगह खून के नमूनों की जांच करेगी जिसके जरिये पांच मिनट में ही यह पता चल सकता है कि व्यक्ति में कोविड-19 के लिए एंटी-बॉडीज विकसित हुए हैं अथवा नहीं। केंद्र सरकार ने पहले महाराष्ट्र को बड़े पैमाने पर टेस्ट करने की अनुमति नहीं दी थी। वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ राजेश टोपे और राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख भी शामिल हुए।
ज्यादा संख्या में मिले संक्रमित लोगों वाले क्षेत्रों को सैनिटाइज करने की सलाह
टोपे ने आगे बताया, 'महाराष्ट्र में राज्य संचालित विभिन्न आश्रय स्थलों में करीब 3.25 लाख प्रवासी कामगार रह रहे हैं। मोदी ने हमसे कहा है कि न सिर्फ उनके खाने-पीने का ध्यान रखें बल्कि उन्हें टेलीविजन भी उपलब्ध कराएं ताकि उनका कुछ मनोरंजन हो सके और वे आश्रय स्थल छोड़कर न जाएं।'
उन्होंने बताया कि मोदी ने राज्य सरकार को ऐसे क्षेत्रों को सैनिटाइज करने की सलाह दी है जहां काफी संख्या में संक्रमित लोग मिले हैं। ऐसे 146 इलाके हैं जहां जल्द ही सैनिटाइजेशन शुरू किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार को हर जिले में एक अस्पताल को ऐसे केंद्र के रूप में तब्दील करने के लिए भी कहा है जहां सिर्फ कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा सके। उन्होंने बताया कि दिल्ली में तब्लीगी जमात में महाराष्ट्र के 1,400 लोगों ने हिस्सा लिया था जिनमें से 1,300 का पता लगाया जा चुका है।
टेस्टिंग के लिए अधिकृत लैब से ही डाटा लिया जाए
पीएम ने बातचीत में मेडिकल सप्लाई चेन, दवाइयों के रॉ मैटेरियल आदि के आवागमन में किसी तरह का अवरोध नहीं होने पर जोर दिया। साथ ही डॉक्टरों, नर्सो आदि का प्रबंध किए जाने पर जोर दिया। इस क्रम में उन्होंने ऑनलाइन ट्रेनिंग देकर आयुष डॉक्टरों को भी जोड़ने की बात कही। इसी तरह पारा मेडिकल स्टाफ, एनसीसी कैडेट आदि को भी साथ लाने की बात कही। कोरोना टेस्टिंग और संख्या को लेकर अटकलों का बाजार गर्म रहता है। ऐसे में प्रधानमंत्री ने कहा कि टेस्टिंग के लिए अधिकृत लैब से ही डाटा लिया जाए ताकि समानता बनी रहेगी।