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आरबीआइ एक स्टेट, इसके कर्मचारी गवर्नमेंट सर्वेंट नहीं : मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि यह सच है कि केंद्र सरकार आरबीआइ के गवर्नर की नियुक्ति करती है। इसका मतलब यह नहीं कि इसके कर्मचारियों को गवर्नमेंट सर्वेंट कहा जाएगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 06:57 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 06:57 PM (IST)
आरबीआइ एक स्टेट, इसके कर्मचारी गवर्नमेंट सर्वेंट नहीं : मद्रास हाईकोर्ट
आरबीआइ एक स्टेट, इसके कर्मचारी गवर्नमेंट सर्वेंट नहीं : मद्रास हाईकोर्ट

चेन्नई, आइएएनएस। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) के कर्मचारियों को रोजगार स्थिति की पहचान करते समय सरकारी कर्मचारी के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि यह सच है कि केंद्र सरकार आरबीआइ के गवर्नर की नियुक्ति करती है। इसका मतलब यह नहीं कि इसके कर्मचारियों को गवर्नमेंट सर्वेंट कहा जाएगा। 

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जस्टिस केके शशिधरण और जस्टिा पीडी औदिकेसवुलु की खंडपीठ ने कहा, 'यह सत्य है कि केंद्र सरकार आरबीआइ के गवर्नर की नियुक्ति करती है। इसका अर्थ यह नहीं कि इसके कर्मचारी केंद्र सरकार के कर्मचारी कहलाएंगे। सत्य यह है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद-12 के तहत आरबीआइ एक स्टेट है। इसके बाद भी यह नहीं कहा जा सकता है कि इसके सभी कर्मचारी नियमित सरकारी कर्मचारी है।'

यह व्यवस्था आरबीआइ के एक कर्मचारी ई. मनोज कुमार की याचिका पर दी गई है। कुमार ने तमिलनाडु लोकसेवा आयोग में अपना परिणाम घोषित करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा के आवेदन पर प्रश्नों का उत्तर देते हुए 2016 में कुमार ने खुद को गैर-सरकारी कर्मचारी लिखा था। आयोग ने इस आधार पर उनका परिणाम रोक लिया। आवेदन में लिखा था, 'क्या आप सरकारी कर्मचारी हैं?' कुमार ने इसका नकारात्मक उत्तर दिया था।


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