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निचली अदालत ने 'भगवान' को किया समन जारी, मद्रास हाई कोर्ट ने जताई हैरानी, पूछे सवाल

मद्रास हाई कोर्ट ने एक निचली अदालत द्वारा भगवान की प्रतिमा को प्रस्तुत करने का आदेश देने पर आश्चर्य जताया है। हाई कोर्ट ने पूछा है कि क्या भगवान को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया जा सकता है?

By TaniskEdited By: Updated: Sat, 08 Jan 2022 09:23 AM (IST)
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अदालत में 'भगवान' को समन करने पर मद्रास हाई कोर्ट हैरान। (फोटो- एएनआइ)

चेन्नई, प्रेट्र। मद्रास हाई कोर्ट ने एक निचली अदालत द्वारा भगवान की प्रतिमा को प्रस्तुत करने का आदेश देने पर आश्चर्य जताया है। हाई कोर्ट ने पूछा है कि क्या 'भगवान' को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया जा सकता है? कुंभकोणम अदालत ने तिरुपुर जिला स्थित परमसिवन स्वामी मंदिर के अधिकारियों को मूलावर की प्रतिमा को सत्यापन के लिए प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। यह प्रतिमा चोरी हो गई थी और मिलने के बाद इसे आगम नियमों और धार्मिक अनुष्ठान के तहत मंदिर में स्थापित किया गया था।

जस्टिस आर सुरेश कुमार ने कहा कि निचली अदालत को प्रतिमा की वास्तविकता का निरीक्षण और सत्यापन करने के लिए वकील-आयुक्त को नियुक्त करना चाहिए था। जस्टिस कुमार ने भगवान की प्रतिमा को प्रस्तुत करने का आदेश देने के लिए निचली अदालत की खिंचाई भी की। निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करते हुए हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी की।

याचिकाकर्ता के अनुसार, प्राचीन मंदिर में मूर्ति चोरी हो गई थी। बाद में पुलिस ने उसे मिलने पर संबंधित अदालत (कुंभकोणम में मूर्ति चोरी के मामलों से निपटने वाली विशेष अदालत) के समक्ष पेश किया। फिर इसे मंदिर के अधिकारियों को सौंप दिया गया और मंदिर में फिर से स्थापित कर दिया गया। बाद में कुंभाभिषेक भी किया गया। मूर्ति की पूजा अब ग्रामीणों सहित बड़ी संख्या में भक्तों द्वारा की जाती है। वहीं, कुंभकोणम में मूर्ति चोरी के मामलों से निपटने वाले न्यायिक अधिकारी ने मूर्ति को पेश करने का निर्देश जारी किया।

जब मंदिर के कार्यकारी अधिकारी द्वारा कुंभकोणम में अदालत के समक्ष पेशी के लिए मूर्ति को हटाने का प्रयास किया गया, तो याचिकाकर्ता सहित भक्तों ने इसका कड़ा विरोध किया और रिट याचिका दायर की। गुरुवार को आदेश पारित करते हुए जस्टिस ने कहा कि मूर्ति को हटाने और संबंधित न्यायालय के समक्ष पेश करने की आवश्यकता नहीं है।