रिटायरमेंट से पहले सेना के जवान को जम्मू-कश्मीर स्थानांतरित करने का आदेश खारिज
अपनी सेवा के अंतिम चरण में सेना के जवान को जम्मू-कश्मीर स्थानांतरित करने के आदेश को मद्रास हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया।
चेन्नई, प्रेट्र। अपनी सेवा के अंतिम चरण में सेना के जवान को जम्मू-कश्मीर स्थानांतरित करने के आदेश को मद्रास हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। हवलदार बी शक्थिवेल की ओर से दायर याचिका पर यह आदेश जस्टिस एस विमला ने दिया। 2020 में हवलदार सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
कोर्ट ने टिप्पणी की कि सेना का यह कर्तव्य है कि वह न केवल अच्छे वेतन के लिए बल्कि बेहतर सेवा स्थितियों के लिए भी नौजवानों को सैन्य बलों में शामिल होने के लिए उत्साहित करे।
न्यायाधीश ने कहा कि पसंद के स्थान पर अंतिम चरण में पोस्टिंग के पीछे का उद्देश्य यह होता है कि सैन्य बल का सदस्य उस स्थान पर आवास आदि का इंतजाम कर लें, जिससे वह सेवानिवृत्त के बाद शांतिपूर्वक जीवन बिता सके। अंतिम चरण में पोस्टिंग की एक मान्यता यह भी है कि सशस्त्र बल का सदस्य, जिसने देश की सेवा की और अपना 50 फीसद सेवा काल परिवार से अलग बिताया है, वह सेवानिवृत्ति से पहले अपनी पारिवारिक जिम्मेदारी पूरी कर सके। जिससे कि वह सेवानिवृत्ति के बाद का कार्यकाल आराम से बिता सके।