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तमिलनाडु ऑनर किलिंग मामला: पांच आरोपियों की मौत की सजा उम्रकैद में तब्दील, लड़की का पिता बरी

ऑनर किलिंग मामले में मद्रास हाई कोर्ट ने युवती के आरोपी पिता को बरी कर दिया व अन्य पांच की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिय

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 02:07 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 02:07 PM (IST)
तमिलनाडु ऑनर किलिंग मामला: पांच आरोपियों की मौत की सजा उम्रकैद में तब्दील, लड़की का पिता बरी
तमिलनाडु ऑनर किलिंग मामला: पांच आरोपियों की मौत की सजा उम्रकैद में तब्दील, लड़की का पिता बरी

चेन्नई, प्रेट्र। तमिलनाडु के तिरुपुर ( Tirupur)  जिले में वर्ष 2016 में 22 वर्षीय के ऑनर किलिंग मामले में मद्रास हाई कोर्ट ने सोमवार को मुख्य आरोपी को बरी कर दिया और पांच अन्य को दी गई मौत की सजा को उम्र कैद में बदल दिया। हाईकोर्ट ने कौशल्या की मां व दो अन्य को भी बरी कर दिया। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि बरी किए गए आरोपियों को रिहा कर दिया जाए अगर इस केस में उनकी कोई जरूरत नहीं। 

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जस्टिस एम सत्यनारायणन और एम निर्मल कुमार की डिविजन बेंच ने कौशल्या के पिता बी चिन्नास्वामी (B Chinnaswamy) को बरी कर दिया। कौशल्या के पति शंकर को उडुमलापेट में उसके सामने ही मार दिया गया था। चिन्नास्वामी पर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया गया। संवैधानिक बेंच ने पांच अन्य आरोपियों की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया। एक निचली अदालत द्वारा चिन्नास्वामी व अन्य आरोपियों को मौत की सजा दी गई थी। इस फैसले को चिन्नास्वामी ने चुनौती देते हुए अपील दायर की थी जिसपर सुनवाई की गई और उन्हें बरी कर दिया गया। 

उडुमलपेट के निकट कुमारालिंगम निवासी शंकर दलित जाति का था। पोलाचि में प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज का स्टूडेंट था जहां  कौशल्या भी अपनी पढ़ाई पूरी कर रही थी जो दलित समुदाय की नहीं थी। इस दौरान दोनों में प्यार हुआ और माता-पिता की मर्जी के बिना उन्होंने  शादी कर ली। जिसके बाद दोनों को अलग करने के लिए परिजनों ने साजिश रची। 13 मार्च 2016 को तीन लोगों ने शंकर को मौत के घाट उतार दिया। हमले में कौशल्या घायल हो गई। 12 दिसंबर 2017 को तिरुपुर जिले के सेशन कोर्ट ने चिन्नास्वामी समेत 6 लोगों को मौत की सजा सुनाई। इस मामले में कुल 11 अभियुक्त थे। कौशल्या की मां, मामा और 16 साल के एक रिश्तेदार  को बरी कर दिया गया वहीं दो को कम सजा दी गई थी। 


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