मप्र के रीवा का सौर ऊर्जा संयंत्र दिल्ली मेट्रो को मुहैया करा रहा बिजली, पीएम मोदी करेंगे लोकार्पण
मप्र के रीवा में स्थापित 750 मेगावाट क्षमता वाले अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट (अत्याधुनिक सौर ऊर्जा संयंत्र) का औपचारिक उद्घाटन 10 जुलाई को होने जा रहा है।
जबलपुर, राज्य ब्यूरो। मप्र के रीवा में स्थापित 750 मेगावाट क्षमता वाले अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट (अत्याधुनिक सौर ऊर्जा संयंत्र) का औपचारिक उद्घाटन 10 जुलाई को होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑनलाइन इसका शुभारंभ करेंगे। कोयला संयंत्रों के मुकाबले इस संयंत्र से सस्ती बिजली मिल रही है। यहां से दो रपये 97 पैसे प्रति यूनिट बिजली बेची जा रही है। संयंत्र की 24 फीसद बिजली दिल्ली मेट्रो ट्रेन के लिए मुहैया कराई जाती है, जबकि 76 फीसद मप्र सरकार उपयोग करती है।
पांच गांव के करीब 1590 एकड़ जमीन पर लगाया गया प्लांट
प्लांट का औपचारिक उद्घाटन अब हो रहा है, लेकिन जनवरी 2020 से ही बिजली का उत्पादन शुरू हो चुका है। रीवा से 25 किमी दूर गुढ़ क्षेत्र के पांच गांव की करीब 1590 एकड़ जमीन पर यह प्लांट लगाया गया है। मप्र ऊर्जा विकास निगम और भारत सरकार के सौर ऊर्जा निगम के संयुक्त उपक्रम के तौर पर इसे स्थापित किया गया है। यहां तीन निजी कंपनियां 250-250 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रही हैं।
रोज 37 हजार यूनिट उत्पादन
जनवरी 2020 में पूरा उत्पादन प्रारंभ हुआ। अब प्रतिदिन 37 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। प्रदेश की भाजपा सरकार का अहम प्रोजेक्ट था। सोलर पॉवर प्लांट को देख रहे मप्र ऊर्जा विकास निगम के अधिकारी एसएस गौतम ने बताया कि प्लांट पूरी क्षमता से चल रहा है।
ग्रिड से हो रही आपूर्ति
अल्ट्रा सोलर प्लांट से पैदा हो रही बिजली को ग्रिड के जरिए भेजा जा रहा है। ऊर्जा विकास निगम के क्षेत्रीय अधिकारी प्रवीण तिवारी ने बताया कि 250-250 मेगावॉट क्षमता वाले तीन सब स्टेशन बनाए गए हैं। यहां से पैदा हुई बिजली को ग्रिड में भेजा जाता है, जहां से मप्र और अन्य इलाकों में बिजली भेजी जाती है।
कोयले से सस्ती बिजली
मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी से सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि कोयले से बनी बिजली का औसत प्रति यूनिट दाम 3.50 रुपये के आसपास होता है जबकि सौर ऊर्जा संयंत्र से बनी बिजली की दर इससे कम है। ये प्राकृतिक ऊर्जा है जबकि कोयला से बिजली उत्पादन पर्यावरण के लिए भी अच्छा नहीं है।
मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम के पूर्व प्रबंध संचालक मनु श्रीवास्तव का कहना है कि यह देश की पहली परियोजना है जिसमें कोयले से पैदा होने वाली बिजली से कम दर पर सौर ऊर्जा से बिजली मिल रही है। रीवा परियोजना से पहले भारत सरकार चार रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट सौर ऊर्जा प्राप्त करने के लिए अनुदान दिया करती थी। लेकिन रीवा परियोजना में दो रुपये 97 पैसे प्रति यूनिट बिजली मिल रही है।
एमपी ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध संचालक दीपक सक्सेना का कहना है कि अल्ट्रा सोलर प्लांट का ऑनलाइन उद्घाटन प्रधानमंत्री 10 जुलाई को करेंगे। इसके लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री एवं अन्य जनप्रतिनिधि ऑनलाइन जुड़ेंगे।