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हाइप्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में नया खुलासा, निशाने पर थे 13 IAS अधिकारी पढ़ें-पूरी कहानी

honeytrap मामले में ये भी बात सामने आई है कि इस गिरोह के सदस्‍यों के पास से जांच कर रही है एसआईटी की टीम 13 आईएएस ( IAS) अधिकारियों की एक टारगेट लिस्‍ट मिली है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 12:53 PM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 12:53 PM (IST)
हाइप्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में नया खुलासा, निशाने पर थे 13 IAS अधिकारी पढ़ें-पूरी कहानी
हाइप्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में नया खुलासा, निशाने पर थे 13 IAS अधिकारी पढ़ें-पूरी कहानी

इंदौर/भोपाल,जेएनएन।  मध्य प्रदेश में हनी ट्रैप मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। मामले की जांच के लिए बनाये गये विशेष जांच दल (एसआटी) के प्रमुख ने कहा कि इस हाई-प्रोफाइल मामले की तहकीकात के नतीजे बड़े हो सकते हैं। उन्होंने यह भरोसा भी दिलाया कि मामले में जिन लोगों की आपराधिक भूमिका पायी जायेगी, उन सबके नाम सामने आयेंगे।

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इसी बीच ये भी बात सामने आई है कि इस गिरोह के सदस्‍यों के पास से जांच कर रही है एसआईटी की टीम 13 आईएएस ( IAS) अधिकारियों की एक टारगेट लिस्‍ट मिली है। जिन्‍हें गिरोह की लड़कियों ने अपने जाल में फंसा लिया था और अब उनके सेक्‍स वीडियो को बनाकर ब्‍लैकमेलिंग की तैयारी थी। हालांकि 13 आईएएस अधिकारियों के नाम सामने नहीं आए हैं।  कहा जा रहा है कि जो 13 आईएएस अधिकारी हिट लिस्ट पर थे, वो देश के अलग-अगल हिस्सों से हैं।

हनीट्रैप मामले में गठित नई एसआईटी के प्रमुख संजीव शमी बुधवार दोपहर को इंदौर पहुंचे। आते ही उन्होंने टीम के सदस्यों को गोपनीय स्थान पर बुलाया और जानकारी ली। दूसरी ओर, मामले की आरोपित मोनिका यादव को बयान के लिए बुलाया गया।

इस दौरान शमी भी मौजूद थे। शाम को वे पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे और मीडिया से चर्चा में कहा, इस केस में गंभीरता बहुत ज्यादा है। अगर बड़े अधिकारी कॉम्प्रोमाइज कर रहे हैं तो इसी को ध्यान में रखकर वरिष्ठ अधिकारियों को साथ लेकर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) बनाई गई है।

बड़े नाम और लोगों के शामिल होने के सवाल के जवाब में कहा जो भी अपराध में लिप्त होंगे सबके नाम सामने आएंगे। जहां तक कुछ और लोगों के नाम सामने आने का सवाल है या किसको कहां ले जाया जाएगा, यह सब जांच के दायरे में है। इसे अभी सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान उन्होंने इंदौर पुलिस द्वारा एकत्रित सभी सबूतों, दस्तावेज और बयानों की जानकारी ली और एसआईटी में चयनित अधीनस्थ अफसरों को जिम्मेदारी सौंप दी।

सीआईडी में केस दर्ज

इधर, बुधवार रात को सीआईडी ने मामले में केस दर्ज कर लिया है। अभी पलासिया थाने ने शून्य पर कायमी की थी, अब एफआईआर सीआईडी में शिफ्ट हो गई है।

हनीट्रैप जांच में आम नागरिकों से मांगी मदद, ई-मेल से भेजें सूचनाएं

उधर, एसआईटी ने आम नागरिकों से मदद मांगकर अपील की है कि अगर उनके पास इस मामले से जुड़ी कोई भी जानकारी है तो वे ई-मेल से भेज सकते हैं। एडीजी काउंटर इंटेलीजेंस और एसआईटी प्रमुख संजीव शमी ने बताया कि जांच में साक्ष्य जुटाने के लिए लोगों से उनके पास उपलब्ध सूचनाओं को लेने के लिए एक ई-मेल आईडी बनाई है। शमी ने सूचना देने वाले व्यक्ति की जानकारी को गोपनीय रखे जाने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास वीडियो-तस्वीर या सरकारी दस्तावेज हों वे मेल कर सकते हैं, जिससे जांच में सहयोग मिलेगा।

इस तरह हुआ मध्य प्रदेश में हनी ट्रैप मामले का खुलासा

इस गिरोह के जाल में फंसने वाले लोगों में अब तक इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह का ही नाम आधिकारिक तौर पर सामने आया है। सिंह की ही शिकायत पर पुलिस ने 19 सितंबर को हनी ट्रैप गिरोह का औपचारिक खुलासा किया था। गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह सदस्यों को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था।इस मामले में नगर निगम प्रशासन ने इस शहरी निकाय के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह को वर्ष 1965 के मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियमों के तहत निलंबित किया।

निलंबन आदेश में कहा गया कि अनैतिक कृत्य (हनी ट्रैप मामले) में सिंह की कथित संलिप्तता पहली नजर में पायी गई है। इस कारण उनके कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है। गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह सदस्यों को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था। नगर निगम अफसर ने पुलिस को बताया कि गिरोह ने उनके कुछ आपत्तिजनक वीडियो क्लिप वायरल करने की धमकी देकर उनसे तीन करोड़ रुपये की मांग की थी। ये क्लिप खुफिया तरीके से तैयार किये गये थे। इस बीच, पुलिस को जांच में कुछ नये सुराग मिलने के बाद इस मामले के तार कई स्थानों से जुड़ गये हैं। गिरोह के छह गिरफ्तार आरोपियों में शामिल आरती दयाल (29) और मोनिका यादव (18) की पुलिस हिरासत अवधि एक स्थानीय अदालत ने 28 सितंबर तक के लिये बढ़ा दी थी। शेष चार आरोपी न्यायिक हिरासत के तहत स्थानीय जेल में बंद हैं।


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