बैतूल कांड : एडीजे के पूरे परिवार को खत्म करना चाहती थी महिला मित्र, आटे में मिलाकर दिया था जहर
जज की महिला मित्र उनके पूरे परिवार को मौत के घाट उतारना चाहती थी लेकिन छोटा बेटा आशीष राज त्रिपाठी और पत्नी शिकार बनने से बच गए।
बैतूल, जेएनएन। मध्यप्रदेश के बैतूल जिला न्यायालय में पदस्थ रहे अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) महेन्द्र कुमार त्रिपाठी और उनके पुत्र अभिनयराज की मौत का मामला हत्या में बदल गया है। जज की महिला मित्र उनके पूरे परिवार को मौत के घाट उतारना चाहती थी, लेकिन छोटा बेटा आशीष राज त्रिपाठी और पत्नी शिकार बनने से बच गए। पुलिस ने बुधवार को पूरे मामले का राजफाश कर दिवंगत एडीजे की महिला मित्र और वारदात में मददगार बने उसके पांच साथियों को गिरफ्तार कर लिया है।
इसलिए खफा हुई महिला मित्र
बैतूल की पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद ने बैतूल पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मप्र के रीवा जिले की मूल निवासी और वर्तमान में छिंदवाड़ा में रह रही एनजीओ संचालिका संध्या सिंह से एडीजे त्रिपाठी के 10 वर्ष से संबंध थे और उसका लगातार उनके घर आना-जाना रहता था। एनजीओ का संचालन करने एवं अन्य कार्यों के लिए धनराशि भी दी जाती रही है। पिछले कुछ दिनों से एडीजे अपने परिवार को अधिक समय दे रहे थे, जिससे संध्या सिंह स्वयं को अकेला महसूस करने लगी। कुछ लेनदेन को लेकर भी दोनों के बीच कटुता बढ़ गई थी। इसी बात से नाराज होकर संध्या सिंह ने एडीजे और उनके परिवार को खत्म करने की साजिश रची।
इस तरह एडीजे को झांसा दिया
एसपी सिमाला प्रसाद ने बताया कि संध्या सिंह ने एडीजे को घर-परिवार में कलह खत्म करने और समृद्धि लाने का झांसा दिया और एक तांत्रिक द्वारा आटा अभिमंत्रित कर देने की बात उन्हें बताई। इसके लिए एडीजे राजी हो गए और अपने घर से करीब आधा किलो आटा लेकर संध्या सिंह के घर 18 जुलाई को छिंदवाड़ा गए। दो दिन बाद 20 जुलाई को संध्या सिंह स्वयं कार से बैतूल आईं और सर्किट हाउस के पास एडीजे को आटा देकर उनके घर में रखे आटे में उसे मिलाने और उसकी रोटियां खाने की सलाह दी। इसके बाद एडीजे त्रिपाठी ने घर में रखे आटे में उसे मिला दिया और उससे बनी रोटियां खाने के बाद उनकी और दोनों बेटों की हालत बिगड़ गई। 21 जुलाई से 23 जुलाई तक वे घर में ही उपचार कराते रहे, लेकिन जब स्थिति गंभीर हुई तो देर शाम एडीजे और उनके बड़े बेटे को पाढर के स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया गया। 25 जुलाई को हालत बिगड़ने पर पिता-पुत्र को नागपुर अस्पताल रेफर किया, जहां दोनों की मौत हो गई।
जहर मिलाने की बात कबूली
एसपी ने बताया कि कॉल डिटेल और परिजनों से पूछताछ के बाद संध्या सिंह द्वारा दिए गए आटे में कुछ मिला होने का संदेह हुआ, जिसके बाद संध्या सिंह को रीवा से पकड़ा गया। पूछताछ में उसने दूरियां बढ़ने और आर्थिक लेनदेन के लिए पूरे परिवार को मौत के घाट उतारने के लिए आटे में जहर मिलाना स्वीकार किया है। एसपी ने बताया कि आटे में मिलाया गया जहर कौन-सा था, इसके संबंध में फॉरेंसिंक रिपोर्ट आने बाद ही पता चलेगा।
इन्हें किया गिरफ्तार
पुलिस ने जज त्रिपाठी व उनके बेटे की हत्या के आरोप में संध्या पति संतोष सिंह, उसके कार चालक संजू पिता बंडू, व सहयोगी देवीलाल पिता सेवाराम चंद्रवंशी, मुबीन पिता सलीम खान, कमल पिता गरीबा और बाबा उर्फ रामदयाल सभी निवासी छिंदवाड़ा को गिरफ्तार किया है।