मध्य प्रदेश एडीजे और उनके बेटे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, विषाक्त भोजन मानी जा रही वजह
मध्य प्रदेश के बैतूल में पदस्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेंद्र कुमार त्रिपाठी एवं उनके 25 वर्षीय पुत्र अभिनवराज त्रिपाठी की विषाक्त भोजन खाने से मौत हो गई है।
बैतूल, जेएनएन। मध्य प्रदेश के बैतूल में पदस्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेंद्र कुमार त्रिपाठी एवं उनके 25 वर्षीय पुत्र अभिनवराज त्रिपाठी उर्फ मोनू की शनिवार देर रात महाराष्ट्र के नागपुर के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। प्रारंभिक रूप से दोनों की मौत की वजह विषाक्त भोजन मानी जा रही है। मामले में परिस्थितियां संदिग्ध होने से पुलिस जांच कर रही है।
अस्पताल पहुंचने के बाद बेटे की मौत
ज्ञात हो कि गत गुरुवार दोपहर को भोजन करने के बाद दोनों की हालत बिगड़ गई थी। बैतूल जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने उनके निवास पहुंचकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया था। इसके बाद हालत सामान्य न होने पर दोनों को उसी दिन शाम को जिले के पाढर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। नागपुर अस्पताल पहुंचने के कुछ देर बाद उनके पुत्र की मृत्यु हो गई और देर रात न्यायाधीश त्रिपाठी की भी मृत्यु हो गई।
जब्त किया गया आटा
बैतूल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्रद्धा जोशी ने बताया कि एडीजे त्रिपाठी और उनके बेटे की नागपुर के अस्पताल में फूड प्वाइजनिंग से मृत्यु की सूचना मिली है। उनके आवास का पुलिस टीम ने निरीक्षण किया है और वहां से आटा जब्त कर लिया गया है। इसकी प्रयोगशाला में जांच कराई जाएगी।
पत्नी ने खाए थे चावल
एडीजे महेंद्र कुमार त्रिपाठी ने सोमवार 20 जुलाई की रात में अपने दोनों बेटों और पत्नी के साथ में भोजन किया था। इसके बाद त्रिपाठी और दोनों पुत्रों की हालत बिगड़ गई। इन तीनों ने चपाती खाई थी वहीं पत्नी ने चावल खाए थे। बताया जाता है कि ये तीनों फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए थे। छोटे पुत्र को तुरंत ही उल्टियां हो गई थीं जिससे उसकी तबीयत अधिक नहीं बिगड़ी।
नर्स रह चुकी हैं पत्नी, तीन दिन घर में हुआ इलाज
पुलिस के अनुसार, एडीजे त्रिपाठी की पत्नी संध्या त्रिपाठी नर्स रह चुकी हैं। पत्नी ने पुलिस को बताया कि भोजन के बाद तबीयत बिगड़ने पर तीनों का घर पर ही तुरंत उपचार किया लेकिन अधिक सुधार नहीं होने पर अगले दिन जिला अस्पताल के दो डॉक्टरों को बंगले पर बुलाकर इलाज कराया गया। इसके बाद भी जब एडीजे त्रिपाठी और पुत्र अभिनवराज की हालत में सुधार नहीं हुआ तो गुरुवार दोपहर में बैतूल के पाढर अस्पताल ले जाया गया। यहां भर्ती कर उनका उपचार चल रहा था। हालत गंभीर होने उन्हें नागपुर रेफर किया गया।
रास्ते में हो गई थी बेटे की मौत
इधर सूत्रों का कहना है कि नागपुर ले जाते समय रास्ते में ही उनके पुत्र अभिनवराज की मौत हो गई थी वहीं रविवार तड़के एडीजे त्रिपाठी की भी इलाज के दौरान नागपुर के एलेक्सिस अस्पताल में मौत हो गई।एडीजे त्रिपाठी मप्र के शहडोल जिले के धनपुरी क्षेत्र के निवासी थे।