स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी बोले- 'आनंद मंत्रालय बन सकता है तो 'गो मंत्रालय' क्यों नहीं'
कैबिनेट मंत्री और मध्यप्रदेश गो संवर्धन बोर्ड के चेयरमैन स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने सरकार से विशेष रूप से गायों के लिए गो मंत्रालय के गठन की सिफारिश की है।
नई दिल्ली [प्रेट्र]। मध्यप्रदेश गो संवर्धन बोर्ड के चेयरमैन स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने राज्य में 'गो मंत्रालय' के गठन की सिफारिश की है। बोर्ड की ओर से सरकार को भेजे गए प्रस्ताव के मुताबिक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के फंड से कुछ हिस्सा मंत्रालय के लिए निर्धारित किया जा सकता है।
गौरतलब है कि पिछले ही हफ्ते गिरी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। इससे पहले उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त था। गिरी ने कहा- 'बोर्ड ने सिफारिश की है कि मनरेगा के लिए राज्य को मिलने वाले करीब 15 हजार करोड़ के फंड से एक हजार करो़ड़ रुपये गो मंत्रालय के लिए दिए जा सकते हैं। मनरेगा के दायरे में पशुपालन से संबंधित कार्यों भी आते हैं।'
स्वामी अखिलेश्वरानंद ने कहा कि अगर आनंद मंत्रालय का गठन किया जा सकता है तो 'गो मंत्रालय' का क्यों नहीं?। उन्होंने कहा कि खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने घर पर गाय रखते हैं।
गिरी ने कहा- 'फिलहाल, गायों से संबंधित मामले पशुपालन विभाग देखता है, हम चाहते हैं कि एक मंत्रालय सिर्फ गायों के लिए हो। गायों को जानवरों की श्रेणी से बाहर रखा जाना चाहिए।'उन्होंने आगे कहा- 'मंत्रालय, गायों से संबंधित उद्योगों को बढ़ावा दे सकता है, ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा कर सकता है और गायों की नस्ल सुधारने से संबंधित रिसर्च का काम कर सकता है।'
स्वामी ने कहा कि राजस्थान ने गायों के लिए निदेशालय का गठन किया है, मगर यह अपर्याप्त है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में करीब 604 पंजीकृत गौशालाओं में करीब डेढ़ लाख गायों की देखभाल की जाती है और करीब इतनी ही गाय सड़कों पर घूम रही हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में गायों की संख्या में 25 फीसदी वृद्धि का अनुमान है।