माफियाराज के लिए सख्त हुए सीएम शिवराज के तेवर, अब तंग होने लगी मध्य प्रदेश की जमीन
ग्वालियर-चंबल अंचल में भू-माफिया के साथ ही अवैध रेत पत्थर मिलावटी तेल और दूध माफिया सक्रिय हैं। उन पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। भिंड-मुरैना में मिलावटी दूध-घी का इतना बड़ा नेटवर्क है कि कार्रवाई एसटीएफ को सौंपना पड़ी है।
भोपाल, जागरण स्पेशल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का यह बयान इन दिनों खूब चर्चा में है। आमतौर पर प्यार-दुलार, मान-मनुहार के लिए पहचाने जाने वाले मामा के तेवर आखिर इतने सख्त क्यों हो गए? इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए मध्य प्रदेश का पुराना रिकार्ड देखना पड़ेगा। चाहे भाजपा की सरकार हो या कांग्रेस..दोनों के ही शासनकाल में यहां तरह-तरह के माफियाओं ने पैर जमाया।
दरअसल, शिवराज सिंह के सख्त होने की पृष्ठभूमि में बीते वर्षो में सामने आई गड़बड़ियां हैं। प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर सहित पूरा मालवा-निमाड़ लंबे समय से माफियाओं के कब्जे में रहा। धीरे-धीरे हर बड़े शहर में जमीन पर कब्जा और उन पर मकान तान देने के मामले सामने आने लगे। महाकौशल में रेत माफियाओं का बोलबाला रहा। गरीबों को वितरित किए जाने वाले राशन का अमानक स्तर, उज्जैन में जहरीली शराब से लोगों की मौत, ग्वालियर में हाल ही में प्लाज्मा कांड, दूध-मावा जैसी रोजमर्रा की खाद्य सामग्रियों में मिलावट से प्रदेश की काफी बदनामी हुई। चंबल-भिंड इलाका नकली घी और मिलावटी दूध के लिए कुख्यात हो गया है। रही सही कसर ड्रग माफियाओं ने पूरी कर दी। इसमें दो मत नहीं है कि यह सबकुछ राजनीतिक गलियारों तक पहुंच रखने वाले माफियाओं के जरिये ही हुआ। शुरू में तो यह सबको रास आया लेकिन धीरे-धीरे प्रदेश को लीलने लगा। विधानसभा चुनाव में इसकी आंच शिवराज सिंह चौहान को भी ङोलनी पड़ी थी। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने इंदौर में भूमाफिया जीतू सोनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पूरे प्रदेश में मुहिम छेड़ दी थी। अपने डेढ़ साल के कार्यकाल में उन्होंने माफियाराज पर अंकुश का नारा देते हुए भाजपा सरकार को भी घेरने की कोशिश की। कांग्रेस की सरकार गिरते ही जैसे ही शिवराज सिंह ने सत्ता संभाली, तो उन पर सबकी नजर थी कि वे माफियाओं के खिलाफ जंग जारी रखेंगे या नहीं? अच्छी बात यह है कि उन्होंने कार्रवाई और तेज कर दी। इस बयान से यह संकेत तो दे दिया कि अब माफियाओं के लिए मध्य प्रदेश की जमीन तंग होती जा रही है।
भूमाफिया के खिलाफ शुरू हुई कार्रवाई नकली माल बनाने वालों तक जारी
अंचल के बड़े शहरों जैसे इंदौर, उज्जैन और रतलाम में सबसे ज्यादा अपराध जमीन को लेकर होते हैं। कई बड़े भूमाफिया ने लोगों से पैसा लेकर प्लॉट नहीं दिए। सैकड़ों लोग अपने खून-पसीने की कमाई गंवा चुके हैं। हालांकि कई बड़े भू माफिया के खिलाफ पुलिस और प्रशासन ने शिकंजा भी कसा और इंदौर में बॉबी छाबड़ा, अरुण डागरिया, चंपू अजमेरा सहित कई भू माफिया को सलाखों के पीछे धकेला। गृह निर्माण संस्थाएं बनाकर लोगों को प्लाट-मकान देने के नाम पर भी यहां जमकर ठगी हुई। भू माफिया पर लगाम कसने के बावजूद पूरी रकम चुकाने और रजिस्ट्री करवाने के बाद भी कई लोगों को अब तक अपना प्लाट-मकान नसीब नहीं हुआ है। अंचल में मिलावट माफिया भी सक्रिय है। प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर में दूध, मसाले, में मिलावट करने का काम भी खूब होता है। इनके खिलाफ भी अभियान चलाते हुए 10 से ज्यादा मिलावट माफिया पर प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की है। हाल ही में घटिया चिप्स बनाने वाली एक फैक्ट्री ढहा दी गई।
ड्रग माफिया: कई लाइसेंस निरस्त
बीते चार-पांच वर्षो में इंदौर में पब संस्कृति बढ़ी और इससे जुड़े माफिया भी सक्रिय हो गए। हाल ही में इंदौर पुलिस ने बड़े ड्रग सप्लाई गिरोह का पर्दाफाश करते हुए इसकी महिला सरगना को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह जिम में युवाओं को दवाओं के बहाने ड्रग की लत लगाता और उन्हें अपने जाल में फंसा लेता था। इसी तरह पब और बार में भी यह गिरोह सक्रिय रहता था। प्रशासन ने इस गिरोह से जुड़े होने की वजह से शहर के आधा दर्जन से अधिक पब और बार के लाइसेंस निलंबित किए हैं। लगातार गिरफ्तारियां जारी हैं। उज्जैन संभाग के मंदसौर और नीमच में अफीम की खेती भी बड़ी मात्र में होती है। यहां से तस्करी की शिकायतें भी मिलती रहती हैं।
48 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन मुक्त करवाई, अवैध रेत खनन पर भी लगाया शिकंजा
अंचल में भू-माफिया व अवैध रेत खनन माफिया प्रशासन के निशाने पर हैं। जबलपुर में भू- माफिया के खिलाफ जिला प्रशासन ने कार्रवाई करके अवैध निर्माण हटाए हैं। प्रशासन का दावा है कि बीते दिनों 48 करोड़ 10 लाख रुपये कीमत की सरकारी जमीन माफिया के कब्जे से मुक्त कराई गई है। नरसिंहपुर, बालाघाट, पन्ना, रीवा, सतना, उमरिया, शहडोल, मंडला, और कटनी जिले में अवैध रेत खनन को लेकर कार्रवाई हुई। इनमें करीब पांच करोड़ 35 लाख रुपये की अवैध रेत पकड़ी गई। इसके अलावा दमोह के तेंदुखेड़ा में बड़ी संख्या में जंगल से करोड़ों रुपये की लकड़ी काटने के मामले की जांच चल रही है।
मिलावटी दूध
चंबल में भिंड और मुरैना क्षेत्र में नित नए तरीकों से मिलावटी दूध बनाने के लिए कुख्यात हो चुका है। हालांकि पिछले कुछ माह से यहां लगातार कार्रवाई की जा रही है। एसटीएफ से लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम सक्रिय हुई है। मिलावटी व नकली दूध बनाने वाले और मिलावटी दूध का केमिकल बेचने वाले दुकानदारों से आगे कार्रवाई नहीं बढ़ी। हालांकि ग्वालियर, भिंड, शिवपुरी में कुछ भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई है।
तेल माफिया
मुरैना में 35 से ज्यादा सरसों तेल फैक्टियां हैं, इनमें से अधिकांश में पाम आयल या राइस ब्रॉन आयल के टैंकर रात के अंधेरे में आते हैं और यही सस्ता पाम आयल-राइस ब्रान आयल इन फैक्टियों में सरसों के तेल में तब्दील हो जाता है। अधिकांश तेल कारोबारी किसी न किसी राजनीतिक संगठन के पदाधिकारी बन गए हैं, इसलिए इनके खिलाफ प्रशासन सख्त भी हो जाता है।
रेत माफिया
चंबल और सिंध नदी में हर जगह रेत माफिया सक्रिय है। भिंड, मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, श्योपुर, दतिया जहां भी नदियों का प्रवाह है घाटों को माफिया छलनी करने में लगा है। श्योपुर में रेत की एक भी वैध खदान नहीं है। लगातार होती कार्रवाई से इसकी पुष्टि होती है।
पत्थर माफिया
भिंड, शिवपुरी, श्योपुर जिलों में पत्थर माफिया का जोर रहता है। कई खदानें बिना अनुमति के चल रही हैं। ऐसे माफिया पर कार्रवाई के लिए प्रशासन को विशेष अभियान चलाना पड़ता है। छोटी-मोटी पुलिस टीम तो अकसर माफिया के ही निशाने पर आ जाती है।
नरोत्तम मिश्र, गृहमंत्री, मध्य प्रदेश
शिवराज सरकार किसी को मिलावट और गुंडागर्दी नहीं करने देगी। माफिया के खिलाफ प्रदेश में अभियान लगातार जारी रहेगा। मिलावट कर लोगों की जान से खिलवाड़ करने वालों पर नकेल के लिए सरकार दंड विधि (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक-2020 ला रही है। इसमें मिलावट करने वालों के खिलाफ आजीवन कारावास का प्रविधान करने जा रही है।
शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश
आजकल अपन खतरनाक मूड में हैं, गड़बड़ करने वालों को छोड़ेंगे नहीं, फारम (फॉर्म) में है मामा। मसल्स पावर (बाहुबल), रसूख का इस्तेमाल करके कहीं अवैध कब्जा कर लिया, कहीं भवन तान दिया, कहीं ड्रग माफिया.. सुन लो रे मध्य प्रदेश छोड़ देना, नहीं तो जमीन में दस फीट गाड़ दूंगा, कहीं भी पता नहीं चलेगा।