लखनऊ मेट्रो सुरक्षा मामलाः सीआइएसएफ के मुकाबले उतरी आरपीएफ
आरपीएफ का कहना है कि कोलकाता मेट्रो की सफल सुरक्षा कर उसने खुद को सीआइएसएफ की तरह सक्षम बल साबित किया है।
नई दिल्ली [संजय सिंह]। लखनऊ मेट्रो की सुरक्षा के लिए आरपीएफ ने सीआइएसएफ के मुकाबले दावा ठोंका है। आरपीएफ का कहना है कि कोलकाता मेट्रो की सफल सुरक्षा कर उसने खुद को सीआइएसएफ की तरह सक्षम बल साबित किया है। इसलिए उसे लखनऊ ही नहीं, बल्कि भविष्य की अन्य नई मेट्रो प्रणालियों की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी मिलनी चाहिए।
आरपीएफ अब पुरानी केंचुल उतारने को तैयार है। आरपीएफ के नए महानिदेशक अरुण कुमार ने अपनी टीम में नया जोश भरने की जिम्मेदारी ली है। लखनऊ मेट्रो की सुरक्षा का दावा पेश कर वह इसकी एक झलक देना चाहते हैं। उनका कहना है जिस तरह आरपीएफ मात्र 900 सुरक्षा कर्मियों के बूते रोजाना कोलकाता मेट्रो के 5-6 लाख यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी को बखूबी अंजाम दे रहा है, उसे देखते हुए वह दूसरे शहरों में भी मेट्रो की सुरक्षा का जिम्मा क्यों नहीं संभाल सकता है। इस संबंध में उन्होंने खास तौर पर लखनऊ मेट्रो का जिक्र किया है और कहा कि कोलकाता के बाद अब हम लखनऊ मेट्रो की सुरक्षा संभालने को तैयार हैं। इसके लिए हमने शहरी विकास मंत्रालय से अनुरोध किया है।
आरपीएफ डीजी ने कहा कि रेलवे की सुरक्षा में आरपीएफ को विशेष महारत और अनुभव हासिल है। हम तकरीबन 2.2 करोड़ रेल यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करने के अलावा दिल्ली, मुंबई, कोलकाता तथा चेन्नई जैसे महानगरों में उपनगरीय रेलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी बखूबी संभाल रहे हैं। जबकि उपनगरीय रेलों की सुरक्षा मेट्रो के मुकाबले ज्यादा चुनौतीपूर्ण होती है।
दस वर्ष पहले जब कोलकाता मेट्रो की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बल के चयन का सवाल उठा था, तब सरकार ने सीआइएसएफ के बजाय आरपीएफ के पक्ष में राय यूं ही नहीं दी थी। इसके लिए बाकायदा एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। समिति का कहना था कि कोलकाता मेट्रो की सुरक्षा का जिम्मा आरपीएफ जैसे समर्पित बल पर डाले जाने से भविष्य की अन्य मेट्रो के लिए एक पूर्णतया प्रशिक्षित बल तैयार हो जाएगा।
दिल्ली मेट्रो में गेट के भीतर की सुरक्षा सीआइएसएफ करती है। जबकि गेट के बाहर की सुरक्षा का जिम्मा दिल्ली पुलिस पर है। सीआइएसफ की सुरक्षा अपेक्षाकृत महंगी भी है। समिति की इसी राय के आधार पर 2010 में गृह और रेल मंत्रालय दोनो ने मिलकर कोलकाता मेट्रो की सुरक्षा आरपीएफ को देने का फैसला किया था।
इस बीच सुरक्षा की बढ़ी चुनौतियों के बीच रेल मंत्रालय ने आरपीएफ को और मजबूत किए जाने के साथ सुविधाओं में बढ़ोतरी की प्रक्रिया प्रारंभ की है। इस सिलसिले में रेलमंत्री पीयूष गोयल के निर्देश पर कुछ समय पहले ही आरपीएफ में लगभग दस हजार जवानों की भर्ती शुरू हुई है।
इतना ही नहीं, पिछले महीने आरपीएफ महानिदेशक के साथ हुई बैठक में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने आरपीएफ के लिए सौ नई बैरकों का निर्माण करने के साथ दस चुनिंदा स्टेशनों से इसकी शुरुआत करने के निर्देश भी जारी किए हैं।