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ग्राहक को जेब में पैसे के मुताबिक मिलेगी एलपीजी गैस, सरकार ने दिया विकल्‍प

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना ने देश के अधिकांश गरीबों के घर में एलपीजी कनेक्शन तो पहुंचा दिया लेकिन एक एलपीजी सिलेंडर के लिए 800-900 रुपये का भुगतान करना बड़ी समस्या बनी हुई है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 08:22 PM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 12:07 PM (IST)
ग्राहक को जेब में पैसे के मुताबिक मिलेगी एलपीजी गैस, सरकार ने दिया विकल्‍प
ग्राहक को जेब में पैसे के मुताबिक मिलेगी एलपीजी गैस, सरकार ने दिया विकल्‍प

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना ने देश के अधिकांश गरीबों के घर में एलपीजी कनेक्शन तो पहुंचा दिया लेकिन इन गरीबों के लिए एक एलपीजी सिलेंडर के लिए 800-900 रुपये का भुगतान करना एक बड़ी समस्या बनी हुई है। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने कई एजेंसियों से बात की है और हाल ही में टाटा इनोवेशन ने इसका एक बेहतरीन विकल्प सरकार के सामने पेश किया है जो आने वाले दिनों में एलपीजी बिजनेस में क्रांति ला सकता है। यह सुझाव यह है कि ग्राहक को उसकी जेब के मुताबिक एलपीजी दिया जाए।

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अभी 14.2 किलो का बड़ा या 5 किलो का छोटा सिलेंडर ही ग्राहकों को लेना पड़ता है लेकिन अगर सब कुछ ठीक रहा है तो ग्राहक जितना चाहेगा मतलब अगर वह पांच किलो चाहे तो पांच किलो और सात किलो चाहे तो सात किलो एलपीजी दिया जाएगा।

इस बात की जानकारी स्वयं पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को उज्जवला पर एक अध्ययन रिपोर्ट जारी करने के अवसर पर दिया। उन्होंने कहा कि टाटा इनोवेशन के प्रोत्साहन से भुवनेश्वर के आइआइटी में अध्ययनरत एक छात्र ने ऐसी तकनीकी विकसित की है जिससे जो जितना चाहे उतना गैस उसे देने संभव हो सकेगा।

अब यह तेल कंपनियों के ऊपर है कि इस तकनीकी को अपनाये और इसके बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की व्यवस्था करे। उन्होंने कहा कि यह उज्जवला योजना का अगला कदम हो सकता है। हालांकि उन्होंने साफ तौर पर यह नहीं बताया कि क्या ग्राहकों के मौजूदा सिलेंडर में ही गैस भरने की व्यवस्था होगी या कोई दूसरी व्यवस्था होगी।

लेकिन उन्होंने यह जरुर कहा कि व्यवस्था ऐसी होगी, जिसमें तेल कंपनियों को नए गैस सिलेंडर तैयार करने की जरुरत न हो। प्रधान की घोषणा के बाद तेल कंपनियों के अधिकारियों ने कहा कि तकनीकी तौर पर इस व्यवस्था को लागू करने के लिए काफी बड़े पैमाने पर तकनीकी का इस्तेमाल करना होगा।

पेट्रोलियम मंत्री प्रधान ने एक दूसरा संकेत यह दिया कि आने वाले दिनों में देश में बायोमास का इस्तेमाल उज्जवला योजना के तहत दिए जाने वाले गैस सिलेंडर में गैस भरने के लिए किया जा सकता है। यह न सिर्फ सस्ता होगा बल्कि यह तेल कंपनियों की लागत भी कम आएगी। दरअसल, प्रधान उज्जवला योजना के अगले चरण को लेकर सरकार की भावी योजनाओं और सोच के बारे में बता रहे थे।

उस संदर्भ में उन्होंने बताया कि गांव-गांव व घर घर एलपीजी पहुंचने से बड़ी संख्या में महिलाओं के पास अतिरिक्त समय बच रहा है। तेल कंपनियों को इन महिलाओं की श्रम-शक्ति के इस्तेमाल की बड़ी योजना बनानी चाहिए। इस अवसर पर प्रधान ने आईआईएम (अहमदाबाद) के पूर्व निदेशक एस के बरुआ ने उज्जवला पर अपना अध्ययन प्रधान को भेंट किया।


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