Move to Jagran APP

Earthquake in Ladakh: लद्दाख में आया भूकंप, 3.6 रही तीव्रता

Earthquake in Ladakh केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 02:38 PM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 02:59 PM (IST)
Earthquake in Ladakh: लद्दाख में आया भूकंप, 3.6 रही तीव्रता
Earthquake in Ladakh: लद्दाख में आया भूकंप, 3.6 रही तीव्रता

लेह, पीटीआइ। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई है। फिलहाल किसी भी प्रकार की क्षति कि कोई भी सूचना नहीं आई है। इससे पहले 12 जनवरी 2020 को लद्दाख भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इस भूकंप की तीव्रता 5.3 थी। इस भूकंप में पहाड़ी क्षेत्र में ग्लेशियर गिरने की आशंका बताई थी।

loksabha election banner

12 जनवरी को भी आया था भूकंप

10 जनवरी 2020 को भी लद्दाख में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तब भूकंप 8:22 बजे आया था। जिसका एपिक सेंटर लेह से 63.6 किमी उत्तर और कारगिल से 193.1 किमी दूर पूर्व में था। हालांकि, तब किसी तरह के जानमाल की क्षति नहीं हुई थी।

क्यों आता है भूकंप?

दुनिया भर में हर साल भूकंप से हजारों लोग मारे जाते हैं। मकान बनाने संबंधी व भूकंप की भविष्यवाणी करने की तकनीकों में सुधार के बावजूद भूकंप से जान-माल की क्षति में कोई कमी नहीं आई है। आइए जानते हैं कि आखिर क्यों आता है भूकंप।

पृथ्वी की बाह्य परत में अचानक हलचल से उत्पन्न ऊर्जा के परिणाम स्वरूप भूकंप आता है। यह ऊर्जा पृथ्वी की सतह पर, भूकंपी तरंगें उत्पन्न करती है, जो भूमि को हिलाकर या विस्थापित कर के प्रकट होती है।

भूकंप के कारण

भूकंप प्राकृतिक घटना या मानवजनित कारणों से हो सकता है। अक्सर भूकंप भूगर्भीय दोषों के कारण आते हैं। भारी मात्रा में गैस प्रवास, पृथ्वी के भीतर मुख्यत: गहरी मीथेन, ज्वालामुखी, भूस्खलन के चलते आते हैं।

ऐसे करें बचाव

  • सुरक्षित स्थान पर भूकंपरोधी भवन का निर्माण कराएं।
  • समय-समय पर आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण लें व पूर्वाभ्यास करें।
  • आपदा की किट बनाएं जिसमें रेडियो, जरूरी कागज, मोबाइल,टार्च, माचिस, मोमबत्ती, चप्पल, कुछ रुपये व जरूरी दवाएं रखें।
  • संतुलन बनाए रखने के लिए फर्नीचर को कस पकड़ लें।
  • लिफ्ट का प्रयोग कतई न करें।
  • खुले स्थान पर पेड़ व बिजली की लाइनों से दूर रहें।
  • मकान ध्वस्त हो जाने के बाद उसमें न जाएं।
  • कार के भीतर हैं तो उसी में रहें, बाहर न निकलें।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.