छत्तीसगढ़: ऐसी love story जिसमें प्रेमिका ने सही लंबी जुदाई, पढ़े पूरी कहानी
जीवन साथी और उसका सच्चा प्यार जिंदगी में हर कोई चाहता है। कुछ लोगों को यह किस्मत से मिल जाता है और कुछ लोगों को इसे पाने के लिए संघर्ष के दौर से गुजरना पड़ता है।
रायपुर, जेएनएन। जीवन साथी और उसका सच्चा प्यार जिंदगी में हर कोई चाहता है। कुछ लोगों को यह किस्मत से मिल जाता है और कुछ लोगों को इसे पाने के लिए संघर्ष के दौर से गुजरना पड़ता है। प्यार के डगर में कठिन परीक्षाएं होती हैं। यह ऐसी परीक्षा होती है जो इंसान के अंदर से प्यार के जज्बे को तोड़ने की कोशिश करती है, लेकिन सच्चा प्यार अपने अंजाम तक पहुंच ही जाता है।
कुछ ऐसी ही कहानी है अंजली जैन और इब्राहिम खान की। छत्तीसगढ़ के धमतरी शहर में रहने वाले दो अलग-अलग मजहब के युवक और युवती को आपस में प्यार हो गया। दोनों ने साथ जीने मरने की कसम खाई और घर छोड़कर निकल पड़े। अपने रिश्ते को एक नाम देने के लिए दोनों ने शादी की, लेकिन लड़की के घर वालों को यह बात नागवार गुजरी। लोगों ने इनके प्यार को लव जेहाद की संज्ञा दी और इसे सांप्रदायिक रूप देने की भी कोशिश हुई।
इसके बाद शुरू हुआ डर, दर्द, तकलीफ और जुदाई का दौर। इस दौर में सबसे ज्यादा तकलीफ से गुजरने वाली वह युवती ही थी जिसे माता पिता की बेस्र्खी के साथ ही पति से मजबूरन अलग रहकर अकेले ही दुख सहना पड़ा। करीब 19 माह पूर्व शुरू हुई इस कहानी में एक लंबा समय इस लड़की ने कैदियों की तरह सखी सेंटर की चाहरदिवारी के अंदर गुजारा और कल यानी बुधवार को उसे यहां से आजादी मिलने वाली है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में अंजली को खुद की मर्जी से अपने भविष्य का चुनाव करने की आजादी दी है। अपने पति का साथ पाने के लिए अपने पिता से संघर्ष कर रही अंजली अब खुद की मर्जी से अपनी जिंदगी जी सकेगी।
किया था अनशन का ऐलान
शादी के बाद अपनी पत्नी से अलग कर दिए गए इब्राहिम ने पत्नी का साथ पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए इस जोड़े के पक्ष में फैसला सुनाया था। इस फैसले से करीब 9 माह पूर्व से अंजली सखी वन स्टॉप सेंटर में कैदियों की तरह रह रही थी। सोमवार को आमरण अनशन के ऐलान के बीच प्रशासन ने अंजली को सखी वन स्टॉप सेंटर से रिहा करने का समय निर्धारित कर दिया। अधिकारियों के मुताबिक कोर्ट के आदेश के परिपालन में अंजलि को छोड़ने का समय 20 नवंबर को सुबह 11 निर्धारित किया गया है।
यह है प्यार के संघर्ष की कहानी
इब्राहिम खान और अंजली जैन ने 25 फरवरी, 2018 को रायपुर में आर्य समाज मंदिर में शादी की थी। जैसे ही अंजली के परिजनों को इस बात की जानकारी हुई, वे उसे अपने साथ घर ले आए। इसके बाद उसे कैद रखा और पति से मिलने नहीं दिया। पति ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी पत्नी की वापसी की गुहार लगाई थी, लेकिन हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली।
इसके बाद इब्राहिम ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इब्राहिम ने कोर्ट में लगाई याचिका में कहा है कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मामले के कानूनी पहलुओं को नजरअंदाज कर अपना फैसला दिया है। इसी दलील के आधार छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। इस याचिका में कहा गया है कि लड़का और लड़की बालिग हैं, दोनों पढ़े-लिखे हैं और एक-दूसरे को चाहते हैं। ऐसे में किसी को कानूनन क्या आपत्ति हो सकती है।