Move to Jagran APP

सेवानिवृत्त जजों को कब से मिलेगी बढ़ी पेंशन, स्पष्टीकरण बिल लोकसभा से पारित

विधि मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि न्यायाधीशों के वेतन पेंशन या अन्य सुविधाओं को कम नहीं किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट जजों की नियुक्ति के लिए किसी निकाय की स्थापना के लिए विधेयक की प्रतिबद्धता नहीं जताई गई है।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 01:38 AM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 07:15 AM (IST)
सेवानिवृत्त जजों को कब से मिलेगी बढ़ी पेंशन, स्पष्टीकरण बिल लोकसभा से पारित
सेवानिवृत्त जजों को कब से मिलेगी बढ़ी पेंशन, स्पष्टीकरण बिल लोकसभा से पारित

नई दिल्ली, प्रेट्र। : लोकसभा ने बुधवार को हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट (वेतन एवं सेवा शर्त) संशोधन विधेयक, 2021 को मंजूरी दे दी। विधेयक में स्पष्ट किया गया है कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों को पेंशन की अतिरिक्त मात्रा या पारिवारिक पेंशन के लिए कोई हकदारी सदैव उस माह की पहली तारीख से होगी जब पेंशनभोगी या पारिवारिक पेंशनभोगी निर्धारित आयु पूरी कर लेता है।

loksabha election banner

लोकसभा में विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू ने विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कानून में छोटा सा संशोधन करने के लिए विधेयक लाया गया है और इस पर कोई विवाद नहीं करके सर्वसम्मति से पारित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम न्यायाधीशों के वेतन, पेंशन या अन्य सुविधाओं को कम नहीं कर रहे हैं बल्कि कुछ विसंगतियों को दूर कर रहे हैं। रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति के लिए किसी निकाय की स्थापना के लिए नया विधेयक लाने की कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई, लेकिन यह जरूर कहा कि वर्तमान एवं पूर्व न्यायाधीशों समेत विभिन्न वर्गो के लोगों ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) का समर्थन किया है।

उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया शीर्ष अदालत से शुरू होती है, ऐसे में प्रक्रिया का पालन करना होता है। उन्होंने कहा कि 1993 तक जजों की नियुक्ति की एक प्रक्रिया थी और इसके तहत जितने अच्छे तरीके से नियुक्ति हुई, यह स्पष्ट है। बाद में कोलेजियम व्यवस्था लागू हुई जो आज तक चली आ रही है, ऐसे में हमें संवैधानिक प्रक्रिया का भी ध्यान रखना है। विधि मंत्री ने कहा कि संविधान में न्यायाधीशों की नियुक्ति के बारे में स्पष्ट प्रविधान है। इनकी नियुक्ति के संबंध में 'परामर्श' को समवर्ती का रूप दे दिया गया। उन्होंने कहा कि हाल ही में हाई कोर्टो को सरकार की ओर से पत्र लिखा गया कि जब आप न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए नाम भेजते हैं तब इसमें महिलाओं और कमजोर वर्ग के प्रतिनिधित्व का ध्यान रखें ताकि सभी वगरें को प्रतिनिधित्व मिले क्योंकि हम सीधे ऐसे नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि अदालतों में लंबित मामलों में 90 प्रतिशत निचली अदालतों में लंबित हैं और इसे न्यायालय सहित सभी पक्षों को दूर करने की दिशा में काम करना है।

विधि मंत्री ने कहा कि शीतकालीन सत्र के बाद वह राज्यों के विधि मंत्रियों की बैठक बुलाएंगे।बता दें कि हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट (वेतन एवं सेवा शर्त) संशोधन विधेयक, 2021 के जरिये हाई कोर्टो और सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जजों या उनकी मृत्यु पर उनके स्वजन को 80 वर्ष, 85 वर्ष, 90 वर्ष, 95 वर्ष और 100 वर्ष की आयु पूरी करने पर अतिरिक्त पेंशन स्वीकृत की गई है। हालांकि हाई कोर्ट के एक सेवानिवृत्त जज की याचिका पर गुवाहाटी हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि हाई कोर्ट न्यायाधीश अधिनियम के मुताबिक अतिरिक्त पेंशन के लाभ सेवानिवृत्त जज को उसके 80वें वर्ष और आगे भी निर्धारित आयु में प्रवेश के पहले दिन से मिलेंगे। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने भी इसी तरह का फैसला सुनाया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.