Locusts Attack: पाकिस्तान से आई करीब 10 लाख टिड्डियों ने मचाई दहशत, हालात संभालने में जुटीं राज्य सरकारें
दुनिया एक ओर जहां कोरोना वायरस के खौफ में जी रही है तो दूसरी ओर उसे टिड्डियों का खतरा परेशान कर रहा है। इस हमले से दुनिया के कई देश परेशान हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। फरवरी में पाकिस्तान को इमरजेंसी जैसे हालात में पहुंचा देने वाले वहां के टिड्डी दल ने राजस्थान, पंजाब व गुजरात के बाद अब उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ में भी किसानों के साथ-साथ आम लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है। ये फसलों को तो नुकसान पहुंचा ही रहे हैं साथ ही रिहायशी इलाकों में लोगों की मुसीबत का सबब भी बन गए हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश के साथ ही, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और छत्तीसगढ़ की सरकारें इनसे निपटने के लिए सक्रिय हो गई हैं। निगरानी समितियां बनाने के साथ ही कीटनाशक का छिड़काव कराया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में सीएमओ की अध्यक्षता में निगरानी कमेटियों का गठन किया है। कृषि विभाग को नोडल विभाग बनाने के साथ ही उद्यान एवं वन विभाग के साथ राजस्व विभाग की मदद लेने के आदेश जारी किए गए हैं। उधर, मंगलवार को मध्य प्रदेश के छतरपुर के गांव पनोठा में पहुंचकर टिड्डियों के दल ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। शाम छह बजे उनके पहुंचने के साथ ही उत्तर प्रदेश के ललितपुर और महोबा से पहुंची टीम ने आवाज और कीटनाशक के माध्यम से टिड्डी दल को वहीं पर रोक रखा है।
'पाकिस्तान से आईँ करीब 10 लाख टिड्डियां'
देश में करीब 10 लाख की संख्या में आए टिड्डियों के दल दो भाग में बंटने से अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। यूपी के कृषि निदेशक डॉ. सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि पाकिस्तानी टिड्डियों के दल में पांच से 10 लाख टिड्डियां होती हैं, जो एक रात में करोड़ों की फसल को तबाह कर देती हैं। ऐसे में लखनऊ से पानी के टैंकर वाले ट्रैक्टर की मांग की गई है। लखनऊ से आने से पहले कानपुर देहात, उन्नाव व रायबरेली में दस्ते का गठन कर इन्हें रोकने की पूरी तैयारी कर ली गई है।
आम और सब्जियों को होगा नुकसान
अभी बागों में आम लगे हुए हैं और खेतों में कद्दू, खीरा, खरबूजा, तरबूज, लौकी, करेला व पान की फसल है, जिसे टिड्डी दल नुकसान पहुंच सकते हैं। कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने बताया कि ये हरी पत्तियां व फल पर आक्रमण करते हैं। जिस बाग या खेत में टिड्डियां बैठेंगी, वहां हरियाली पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी। ये हवा के रुख के साथ चलती हैं। बारिश में मादा अंडे नहीं दे पाती और धीरे-धीरे से नष्ट हो जाती हैं।
उप्र में टिड्डियों पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ को एग्री सेना तैयार
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में प्रशासन ने निगरानी समिति गठन के साथ ही टिड्डियों के खात्मे को एग्री सेना तैयार की है। 450 ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर व रासायनिक उपकरणों से सुसज्जित एग्री सेना रात में टिड्डियों पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ कर उनका खात्मा करेगी। जिला कृषि अधिकारी डॉ. सतीश चंद्र पाठक ने बताया कि टिड्डियों के खात्मे के लिए 450 ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर तैयार कर लिए है। 4700 लीटर कीटनाशी रसायन का प्रबंध भी किया गया है।
छत्तीसगढ़ में किसानों को सचेत रहने की सलाह
छत्तीसगढ़ में राज्य के सरहदी जिलों में कृषि विभाग ने अलर्ट जारी किया है। केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र के सहायक निदेशक ने सीमावर्ती जिले के कृषि अधिकारियों, कर्मचारियों एवं किसानों को सचेत रहने की सलाह दी है। प्रदेश के प्रभावित क्षेत्र में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराया जाएगा।
मप्र के 22 जिलों में उड़ाई नींद
मध्य प्रदेश के 22 जिलों में टिड्डियों ने किसानों की नींद उड़ा दी है। मालवा, निमाड़ से लेकर महाकोशल-¨वध्य तक के इलाके में इनका असर है। प्रदेश के कृषि विभाग ने तय किया है कि टिड्डियों पर ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव कराया जाएगा। किसान भी अपने स्तर पर इस खतरे से निपट रहे हैं। उधर, संबंधित जिलों के कलेक्टर फसलों को हुए नुकसान का आकलन करा रहे हैं, ताकि प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जा सके। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि टिड्डी दल को नियंत्रित करने के लिए जिलों को 50 लाख रुपये आपदा राहत कोष से स्वीकृति किए गए हैं।
हरियाणा को भी सता रही है चिंता
हरियाणा में भी किसानों को टिड्डी दल के आने की चिंता सता रही है। राजस्थान व पंजाब की सीमाओं से लगे होने के कारण हिसार और सिरसा टिड्डी दल को लेकर अलर्ट पर हैं। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग ने किसानो को टिड्डी दल से सुरक्षा संबंधित महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।
राजस्थान के जयपुर में आम के पेड़ से टिड्डी दल को भगाता एक व्यक्ति। अब टिड्डियां आवासीय क्षेत्रों में पहुंच गई हैं।
इस तरह से जानिए टिड्डियों को
दुनिया एक ओर जहां कोरोना वायरस के खौफ में जी रही है तो दूसरी ओर उसे टिड्डियों का खतरा परेशान कर रहा है। इस हमले से दुनिया के कई देश परेशान हैं। इसका कारण है टिड्डियों का एक साथ हमला करना और पल भर में ही सैंकड़ों किमी क्षेत्र की फसलों को चट कर जाना। आइए जानते हैं कि कैसे एक टिड्डी दल काम करता है और कैसे एक टिड्डी का जीवनकाल होता है।
सामान्य नाम: टिड्डी
वैज्ञानिक नाम: एक्रीडीडे
प्रकार: अकशेरुकी
भोजन: शाकभक्षी
जीवन काल: कुछ महीने
आकार: 0.5 से 3 इंच तक
भुखमरी का डर
फसलों को चट करने में टिड्डियां सबसे बड़ा खतरा होती हैं। संयुक्त राष्ट्र की संस्था खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने कुछ समय पूर्व चेताया था कि इसके कारण दुनिया भुखमरी के कगार पर पहुंच सकती है।
पेटू होती हैं
आधे से तीन सेंटीमीटर तक की लंबाई वाली ये टिड्डियां किस कदर भूखी होती हैं, जिसका अंदाजा इनकी भोजन करने की क्षमता को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। टिड्डियों का एक छोटे आकार (चार करोड़ टिड्डियां) का एक दल एक ही दिन में उतना खाद्य पदार्थ खा सकता है, जिससे 35 हजार लोगों का पेट दिन में दो बार आसानी से भरा जा सकता है। वहीं टिड्डियों के मध्यम और बड़े दल काफी बड़े होते हैं और नुकसान भी ज्यादा पहुंचाते हैं।