Lockdown Magic: साथ रहने का मौका मिला तो दूर हुए गिले-शिकवे, तलाक के 80% मामले घटने के आसार
भोपाल कुटुंब न्यायालय के न्यायाधीश आरएन चंद ने बताया कि लॉकडाउन से पहले जितने भी मामलों को भेजा गया है उन 80 फीसद मामलों में अब तलाक नहीं होंगे।
अंजली राय, भोपाल। लॉकडाउन होने के कारण न केवल कोरोना के संक्रमण का खतरा कम हुआ है, बल्कि इसकी वजह से रिश्तों में भी मिठास घुल रही है। इस दौरान कई परिवार ही नहीं, बल्कि पति-पत्नी के टूटते रिश्ते में सकारात्मक पहल हुई है। कुटुंब न्यायालय में 17 मार्च तक हुई काउंसिलिंग में कई दंपती को साथ रहने के लिए भेजा गया। साथ रह रहे तो गले शिकवे दूर होने लगे। अब ये जीवनभर साथ रहने के लिए तैयार हैं। इससे भोपाल के कुटुंब न्यायालय में तलाक के मामलों में 80 फीसद कमी की उम्मीद जगी है।
काउंसलर का कहना है कि जो काम काउंसिलिंग के दौरान नहीं कर पाते थे, वह अब लॉकडाउन में ज्यादा बेहतर तरीके से हो रहा है। कई मामलों में पति-पत्नी की शिकायत होती थी कि वे एक-दूसरे को समय नहीं दे पाते हैं। अभी भरपूर समय मिल रहा है और परिवार को सभी का साथ मिल रहा है
केस-1: सालभर से मायके में रह रही थी पत्नी
शादी के पांच साल बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर और उनकी पत्नी का रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच गया। पति महाराष्ट्र का रहने वाला है और पत्नी भोपाल की। दोनों परिवारों में सामंजस्य बिठाने में दिक्कत हो रही थी, जिसे लेकर दोनों के बीच तनाव बढ़ता गया। पत्नी सालभर से मायके में रह रही थी। 17 मार्च को काउंसिलिंग कर दोनों को साथ रहने के लिए भेजा गया। अब दोनों ने साथ रहने की सहमति जताई है।
केस- 2 : तलाक तक पहुंच गई थी बात, अब साथ रहेंगे
शादी के 10 साल बाद बिजनेसमैन पति-पत्नी का मामला तलाक तक पहुंच गया। दोनों का एक सात साल का बेटा भी था। दोनों के बीच मनमुटाव के कारण एक साल से अलग रह रहे थे। दोनों को समझाकर दो माह का समय देकर साथ भेजा गया था। लॉकडाउन में दोनों ने एक-दूसरे का साथ दिया और बेटे के लिए अब जीवनभर साथ रहने के लिए राजी हुए हैं।
केस-3: अब साथ रहने का किया फैसला
शादी के पांच साल बाद नौसेना में कार्यरत पति और एमबीए डिग्रीधारी पत्नी का मामला तलाक तक पहुंच गया था। दोनों की तीन साल की एक बेटी भी है। कई बार समझाने के बाद भी दोनों के बीच विवाद समाप्त नहीं हो रहे थे। लॉकडाउन से पहले दोनों को एक साथ रहने के लिए भेजा गया, अब उन्होंने एक साथ रहने की जानकारी दी है।
कोर्ट की ओर से की गई टिप्पणी
भोपाल कुटुंब न्यायालय के न्यायाधीश आरएन चंद ने बताया कि लॉकडाउन से पहले जितने भी मामलों को काउंसिलिंग कर साथ भेजा गया है, उन 80 फीसद मामलों में अब तलाक नहीं होंगे। लॉकडाउन में कई पति-पत्नी के बीच मतभेद खत्म होंगे और रिश्ते जुड़ेंगे।
वहीं भोपाल कुटुंब न्यायालय की काउंसलर नुरन्निशां खान ने कहा कि लॉकडाउन से पहले कुछ पक्षकारों को अंतिम काउंसिलिंग में समझाकर साथ में रहने के लिए भेजा गया था। इसमें कई पति-पत्नी अब जीवनभर साथ रहेंगे। इस लॉकडाउन से कई रिश्ते जुड़ेंगे।