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लॉकडाउन-4 में होंगे पांच जोन, जानें किस जोन में कितनी मिलेगी छूट, क्‍या होंगी पाबंदियां

लॉकडाउन-4 में पांच जोन होंगे। कंटेनमेंट और बफर जोन... रेड और ऑरेंज जोन के भीतर होंगे। जानें किस जोन में क्‍या होंगी पाबंदियां और किन गतिविधियों की होगी इजाजत...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 07:42 PM (IST)Updated: Mon, 18 May 2020 06:49 AM (IST)
लॉकडाउन-4 में होंगे पांच जोन, जानें किस जोन में कितनी मिलेगी छूट, क्‍या होंगी पाबंदियां
लॉकडाउन-4 में होंगे पांच जोन, जानें किस जोन में कितनी मिलेगी छूट, क्‍या होंगी पाबंदियां

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। सरकार ने लॉकडाउन को 14 और दिनों के लिए बढ़ा दिया है। लॉकडाउन का यह चौथा चरण सोमवार 18 मई से शुरू होगा और 31 मई को खत्म होगा। जैसा कि राष्‍ट्र के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने संकेत दिया था... केंद्रीय गृहमंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक, लॉकडाउन-4 पिछले सभी चरणों से बिल्‍कुल अलग होने जा रहा है। सबसे खास बात यह है कि इस लॉकडाउन में इलाकों को कुल पांच जोनों में बांटा जाएगा।

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पांच जोनों में बटेंगे इलाके

केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक, इस बार पांच जोनों में इलाकों को बांटा जाएगा। इससे पहले सभी लॉकडाउन में तीन जोन में ही इलाके बांटे जाते थे और सभी का निर्धारण केंद्र सरकार के मानकों के आधार पर किया जाता था। इस बार इलाकों को कंटेनमेंट, बफर, रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन में बांटा जाएगा। गाइडलाइन के मुताबिक, कंटेनमेंट और बफर जोन... रेड और ऑरेंज जोन के भीतर होंगे जिनका निर्धारण जिला प्रशासन करेगा। ऐसा भी कहा जा सकता है कि मुख्‍य रूप से जोन तीन ही होंगे बाकी के दो जोन (कंटेनमेंट और बफर)  रेड और ऑरेंज जोन के भीतर निर्धारित किए जाएंगे। 

राज्‍य और केंद्र शासित प्रदेशों पर छोड़ी निर्धारण की जिम्‍मेदारी

केंद्र सरकार ने इस बार जोनों के निर्धारण की जिम्‍मेदारी राज्‍य और केंद्र शासित प्रदेशों पर छोड़ी है। सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय के मानकों को ध्‍यान में रखते हुए राज्‍य सरकारें इन जोनों का निर्धारण करेंगी।

कंटेनमेंट जोन में इसेंसियल सर्विस को इजाजत 

कंटेनमेंट जोनों में केवल जरूरी गतिविधियों को ही इजाजत दी जाएगी। इन जानों में सामान्‍य लोगों की आवाजाही की इजाजत नहीं होगी। केवल मेडिकल इमरजेंसी, जरूरी सेवाओं के लिए काम करने वाले लोगों को ही आने जाने की इजाजत होगी। इन जोनों में केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय के मानक लागू होंगे। हालांकि इन इलाकों का निर्धारण जिला प्रशासन करेगा। 

संक्रमितों की पहचान के लिए उठाए जाएंगे ये कदम 

कंटेनमेंट जोनों में संक्रमितों की पहचान के लिए व्‍यापक अभियान चलाया जाएगा। इन इलाकों में संक्रमित लोगों की पहचान के लिए इंटेंसिव कॉन्‍ट्रैक्‍ट ट्रेसिंग के साथ साथ घर घर जाकर लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। यही नहीं दूसरे चिकि‍त्‍सकीय उपायों को भी आजमाया जाएगा। 

राज्‍य सरकारों को दिए पाबंदियों के अधिकार 

केंद्र की ओर से जारी गाइडलाइन के नियम नंबर आठ में कहा गया है कि वर्गीकृत किए गए जोनों में किन दूसरी गतिविधियों की इजाजत नहीं दी जाए राज्‍य सरकारें इस बारे में आकलन करके उक्‍त गतिविधियों पर रोक लगा सकती हैं। यानी केंद्र ने लॉकडाउन-4 में राज्‍य सरकारों को गतिविधियों की बाबात बीते तीन लॉकडाउन से ज्‍यादा अधिकार प्रदान किए हैं। 

जारी रहेगा रात का कर्फ्यू 

केंद्र की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि चाहे वह कोई भी जोन हो... शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक सामान्‍य लोग इलाकों में किसी तरह की आवाजाही नहीं कर सकेंगे। हालांकि जरूरी सेवाओं और उनसे जुड़े लोगों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं किया गया है। यह भी कहा गया है कि आवाजाही की बाबत स्थानीय प्रशासन जरूरी आदेश जारी कर सकता है। 

घरों  में रहेंगे बच्‍चे और बुजुर्ग

केंद्र की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि चाहे वह कोई भी जोन हो 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों, बीमारों, ग‌र्भवती महिलाओं और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घर में ही रहना होगा। इन लोगों को इलाकों से बाहर केवल इलाज या बेहद जरूरी काम आने पर ही घर से निकलने की इजाजत होगी। 

स्वास्थ्य सचिव ने बताया जोन निर्धारित करने का तरीका 

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन चिह्नित करने के तरीकों से अवगत कराया। साथ ही उन्होंने बताया कि कोविड-19 से लड़ने के लिए राज्यों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। स्वास्थ्य सचिव ने स्थिति की गंभीरता को समझने के मानक भी राज्यों को बताए। 

गंभीर श्रेणी में मानें जाएंगे ये इलाके 

किसी क्षेत्र में 200 से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले या प्रति लाख की आबादी पर 15 से ज्यादा सक्रिय मामले होने को गंभीर की श्रेणी में माना गया है। बीमारी से जान गंवाने वालों की संख्या या पॉजिटिव मामलों का कंफर्मेशन रेट छह प्रतिशत से ज्यादा होने को भी गंभीर माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक बार जोन का निर्धारण हो जाने के बाद वहां कंटेनमेंट एक्शन प्लान का क्रियान्वयन सबसे अहम कदम है। 

एक्‍शन प्‍लान को तब माना जाएगा सफल 

स्वास्थ्य सचिव ने कोविड-19 से लड़ाई की दिशा में रेड व ऑरेंज जोन के भीतर बफर जोन को चिह्नित करने को भी अहम कदम बताया। सभी कंटेनमेंट जोन के आसपास के कुछ क्षेत्र को बफर जोन के रूप में चिह्नित कर वहां भी अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि कंटेनमेंट एक्शन प्लान को तभी सफल माना जा सकेगा जब कंटेनमेंट जोन में 28 दिन तक कोई नया मामला नहीं आए।


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