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विवादित सड़क परियोजनाओं के लिए वरदान बना लॉकडाउन, समाधान के लिए NHAI ने पड़ताल की तेज

अधिकारी के अनुसार इस समय एनएचएआइ की लगभग 80 हजार करोड़ रुपये लागत की 180 परियोजनाएं किसी न किसी विवाद के कारण अटकी हुई हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 19 Apr 2020 07:32 PM (IST)Updated: Sun, 19 Apr 2020 07:34 PM (IST)
विवादित सड़क परियोजनाओं के लिए वरदान बना लॉकडाउन, समाधान के लिए NHAI ने पड़ताल की तेज
विवादित सड़क परियोजनाओं के लिए वरदान बना लॉकडाउन, समाधान के लिए NHAI ने पड़ताल की तेज

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लॉकडाउन का नुकसान तो सभी प्रतिष्ठानों को झेलना पड़ रहा है। लेकिन कुछ ही प्रतिष्ठान हैं जिन्होंने इसे अवसर मानकर लाभ में परिवर्तित करने का बीड़ा उठाया है। ऐसे ही प्रतिष्ठानों में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी एनएचएआइ है, जो इन दिनों लुप्तप्राय यातायात का फायदा उठाते हुए लंबित परियोजनाओं की पड़ताल करने और विवादों का निपटारा करने में अपनी ऊर्जा लगा रहा है। एनएचएआइ का इरादा लॉकडाउन के दौरान तकरीबन 80 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं से जुड़े विवाद निपटाने का है।

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एनएचएआइ एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार सामान्यत: सड़क परियोजनाओं से संबंधित विवादों के समाधान में लंबा वक्त लगता है। क्योंकि अधिकारियों को व्यस्त यातायात के बीच मौके पर जाकर परियोजनाओं की प्रगति की पड़ताल करनी पड़ती है। परंतु लॉकडाउन के कारण देश भर में ज्यादातर राजमार्गो पर नगण्य यातायात है। ऐसे में अधिकारियों के लिए परियोजनाओं का दौरा कर उनकी प्रगति की पड़ताल तथा दावों की जांच करना आसान हो गया है। आम तौर पर विवाद दो स्थितियों में पैदा होते हैं। एक, जब कंसेशनेयर की ओर से गलत तथ्य पेश एनएचएआइ पर रकम जारी करने का दबाव डाला जाता है। और दो, जब एनएचएआइ की ओर से वन मंजूरियां लेने अथवा जमीन अधिग्रहीत करने अथवा यूटिलिटी शिफ्टिंग या अतिक्रमण हटाने में विलंब किया जाता है। दोनो ही स्थितियों में मौका-मुआयना के बाद ही विवाद का उचित ढंग से निपटारा हो पाता है। सामान्य दिनो में वरिष्ठ अधिकारियों के लिए व्यस्त रूटीन से वक्त निकालने और लंबी सड़कों की पड़ताल करने में काफी वक्त लग जाता है। इस कारण विवाद खिंचते चले जाते हैं तथा परियोजनाओं की लागत बढ़ती चली जाती है। इससे किसी को फायदा नहीं होता और सभी को नुकसान होता है।

180 परियोजनाएं किसी न किसी विवाद पर अटकी

अधिकारी के अनुसार इस समय एनएचएआइ की लगभग 80 हजार करोड़ रुपये लागत की 180 परियोजनाएं किसी न किसी विवाद के कारण अटकी हुई हैं। इनमें से फिलहाल 31 हजार करोड़ रुपये लागत की 86 परियोजनाओं के मामले पड़ताल के बाद जल्द से जल्द समाधान समिति के सामने पेश करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यालयों में तैनात अनेक वरिष्ठ अधिकारियों को पड़ताल का काम तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। अब तक करीब 33 परियोजनाओं की पड़ताल पूरी कर इनके समाधान के प्रस्ताव समाधान समिति के समक्ष पेश किए जा चुके हैं। जबकि 20 हजार करोड़ रुपये 43 अन्य परियोजनाओं की पड़ताल की प्रक्रिया चालू है।

सूत्रों के अनुसार एनएचएआइ की प्रमुख विवादित परियोजनाओं में दिल्ली-आगरा हाईवे का कुछ हिस्सा, किशनगढ़-उदयपुर हाईवे का कुछ भाग तथा चेनानी-नशरी हाईवे प्रोजेक्ट के कुछ खंड शामिल हैं। इन परियोजनाओं का संबंध जिन कंसेशनेयर कंपनियों से है, उनमें आइएलएफएस, ट्रांसपोर्टेशन, मधुकॉन, गैमन इंडिया, एचसीसी तथा गायत्री प्रोजेक्ट्स के नाम प्रमुख हैं।


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