जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में स्थानीय अधिकारियों का कोटा 50 फीसद से घटकर 33 फीसद
आइएएस आइपीएस और आइएफएस अधिकारियों को राज्य अथवा राज्यों के समूह अथवा केंद्र शासित प्रदेश का कैडर आवंटित किया जाता है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सिविल सेवाओं आइएएस, आइपीएस और आइएफओएस में राज्य के स्थानीय अधिकारियों का कोटा 50 से घटाकर 33 फीसद करने का फैसला किया है।
यह कदम अनुच्छेद-370 हटने के मद्देनजर उठाया गया
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि कार्मिक मंत्रालय ने इस संबंध में औपचारिकताओं को अंतिम रूप दे दिया है और जल्द ही सरकार आदेश जारी कर देगी। यह कदम जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के मद्देनजर उठाया गया है।
अब तक केंद्र और राज्य सिविल सेवाओं के अधिकारियों का 50-50 का फॉर्मूला लागू था
इससे पहले नियमों के मुताबिक राज्य में तीनों सिविल सेवाओं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) और भारतीय वन सेवा (आइएफओएस) में 50-50 का फॉर्मूला लागू था। इसका मतलब है कि राज्य में इन सेवाओं के कुल पदों के 50 फीसद पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा चयनित अधिकारी नियुक्त किए जाते थे जबकि बाकी 50 फीसद पदों को राज्य सिविल सेवा के स्थानीय अधिकारियों की पदोन्नति के जरिये भरा जाता था।
दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में पूरे देश में लागू होने वाला 67:33 का नियम होगा प्रभावी
जम्मू-कश्मीर राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पुनर्गठन के बाद विशेष कोटे का यह प्रावधान खत्म हो गया है। अधिकारियों के मुताबिक, 'अब दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में पूरे देश में लागू होने वाला 67:33 (67 फीसद यूपीएससी द्वारा सीधे चयनित अधिकारी और 33 फीसद राज्य सेवाओं से प्रोन्नत अधिकारी) का नियम प्रभावी होगा।'
अधिकारियों को अब जम्मू-कश्मीर के बजाय एजीएमयूटी कैडर आवंटित किया जाएगा
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019 के मुताबिक, सिविल सेवा परीक्षा के जरिये चयनित अधिकारियों को अब जम्मू-कश्मीर के बजाय अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम-केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर आवंटित किया जाएगा। मालूम हो कि आइएएस, आइपीएस और आइएफएस अधिकारियों को राज्य अथवा राज्यों के समूह अथवा केंद्र शासित प्रदेश का कैडर आवंटित किया जाता है।