जम्मू-कश्मीर में इन कारणों से आतंक विरोधी अभियानों को मिल रही सफलता
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों की सफलता दर में सुधार देखने को मिल रहा है। इसकी प्रमुख वजहें ये हैं।
नई दिल्ली। हालिया समय में जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से घुसपैठ और आतंकी हमले की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। हालांकि जमीनी स्तर पर मजबूत खुफिया जानकारी और जम्मू-कश्मीर पुलिस की सक्रिय भागीदारी के बलबूते महबूबा मुफ्ती सरकार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बढ़-चढ़ कर सहयोग दे रही है। इसकी वजह से राज्य में आतंकवाद विरोधी अभियानों की सफलता दर में भी सुधार हो रहा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, सरकारी सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा व्यापक स्तर पर हासिल खुफिया जानकारी और संयुक्त अभियानों में राज्य पुलिस, सीआरपीएफ और सेना के बीच बेहतर समन्वय प्रमुख कारण हैं, जिनकी वजह से इस साल नौ जुलाई तक 95 आतंकियों को ढेर करने में सफलता हाथ लगी है। 2012-13 में मारे गए आतंकियों की तुलना में यह संख्या कहीं ज्यादा है। जबकि अभी पूरा साल बीता भी नहीं है।
पिछले साल जम्मू-कश्मीर में 150 आतंकियों को ढेर किया गया था। मगर मौजूदा स्थिति के मद्देनजर एजेंसियों को उम्मीद है कि इस साल यह रिकॉर्ड टूट जाएगा, क्योंकि अब भी पूरे जोश के साथ आतंक विरोधी अभियान जारी हैं। वहीं केंद्र व राज्य सरकार ने भी आतंकवाद से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को स्वतंत्र तरीके से सभी कानूनी कार्रवाई करने की छूट दे दी है, इससे भी उन्हें काफी मदद मिल रही है।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद संबंधी हिंसक घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। इस साल नौ जुलाई तक इस तरह की 172 घटनाएं दर्ज की गई हैं। मगर सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि नियमित रूप से आतंकियों के साथ मुठभेड़ हो रहे हैं।
यह भी पढ़ें: काम के लिए खाड़ी देश जाने से कतराने लगे भारतीय, ये हो सकती है बड़ी वजह