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शिक्षित करने की अनोखी मुहिम: क से ज्ञ और ए से जेड तक लिखवाकर बांटा पांच किलो आटा-चावल

पिनेकल की अध्यक्ष डॉ. वैशाली भगत ने बताया कि महिलाओं को सशक्त व साक्षर करने का संकल्प लॉयंस क्लब के सदस्यों ने लिया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 13 Sep 2020 07:23 PM (IST)Updated: Sun, 13 Sep 2020 07:23 PM (IST)
शिक्षित करने की अनोखी मुहिम: क से ज्ञ और ए से जेड तक लिखवाकर बांटा पांच किलो आटा-चावल
शिक्षित करने की अनोखी मुहिम: क से ज्ञ और ए से जेड तक लिखवाकर बांटा पांच किलो आटा-चावल

अनूप श्रीवास्तव, भिलाई। शहर की गरीब बस्तियों में शिक्षा का उजियारा फैलाने के लिए लॉयंस क्लब पिनेकल की मुहिम चर्चा का विषय बनी हुई है। लोगों को क से ज्ञ और ए से जेड तक लिखने की आदत डलवाने के लिए एक सप्ताह तक अभियान चलाया गया। सही तरीके से पूरे अक्षर लिखने पर पांच किलो आटा और पांच किलो चावल बतौर पुरस्कार दिया गया। जो सही नहीं लिख पाए, उन्हें दोबारा मौका दिया गया। इस मुहिम के जरिए 30 लोगों को साक्षर बनाया गया है।

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लॉयंस क्लब पिनेकल की ज्ञान गंगा मुहिम

लॉयंस क्लब पिनेकल की ज्ञान गंगा मुहिम से मॉडल टाउन बस्ती की कई महिलाओं की जिंदगी में बदलाव आया है। कई अनपढ़ महिलाएं अब लिखना-पढ़ना शुरू कर चुकी हैं। बस्ती की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने व अक्षर ज्ञान कराने लॉयंस क्लब की सदस्य सहयोग दे रहीं हैं। यह अभियान पहले चरण में आठ से 13 सितंबर तक चलाया गया।

अक्षर ज्ञान का न होना बड़ी बाधा

लॉयंस क्लब पिनेकल की चार्टर अध्यक्ष लायन विभा भूटानी ने बताया कि अक्षर का ज्ञान न होना बड़ी बाधा है। हर साल साक्षरता सप्ताह चलाया जाता है। स्लम क्षेत्र की ऐसी महिलाएं जो हिंदी का क तक नहीं लिख सकती थी, उन्हें लिखना सिखाया गया। क्लब द्वारा पिछले साल से साक्षरता सप्ताह चलाया जा रहा है। अब तक 30 महिलाएं लिखना सीख चुकी हैं। इसे बीच में भी चलाने पर विचार किया जा रहा है।

लॉयंस क्लब ने लिया महिलाओं को सशक्त व साक्षर करने का संकल्प 

पिनेकल की अध्यक्ष डॉ. वैशाली भगत ने बताया कि महिलाओं को सशक्त व साक्षर करने का संकल्प लॉयंस क्लब के सदस्यों ने लिया है। जो महिलाएं क से ज्ञ तक लिखकर दिखाती हैं उन्हें पांच किलो आटा और चावल देते हैं। जो नहीं लिख पाती उन्हें दोबारा मौका देते हैं।

सुशीला की पढ़ाई से आया आइडिया

विभा बताती हैं कि पिछले साल मॉडल टाउन की सुशीला नाम की एक युवती को काफी मेहनत कर क, ख, ग सिखाया गया, लेकिन अभ्यास न करने से वह लिख नहीं पाती थी। इसके बाद सुशीला से कहा गया कि अगर वह कल सुबह तक पूरा लिखकर दिखा देगी तो उसे पुरस्कार में राशन दिया जाएगा। इसके बाद सुशीला घर गई और रातभर अभ्यास किया। सुबह लिखकर दिखाने के बाद सुशीला को पांच किलो आटा, चावल, दाल और अन्य खाद्य सामग्री दी गई। उसी समय पिनेकल की टीम ने निर्णय लिया कि साक्षरता सप्ताह में महिलाओं को हिंदी व अंग्रेजी सिखाई जाएगी।


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