कोरोना के दो फीसदी से कम मरीज ICU में, जानिए कितने लोगों को पड़ रही है ऑक्सीजन की जरूरत
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कोरोना के मरीजों के बेहतर प्रबंधन के कारण भारत में उनके इलाज में कोई समस्या नहीं आई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में भले ही कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा हो, लेकिन इनमें 95 फीसदी मरीजों को विशेष देखभाल की जरूरत नहीं पड़ रही है। लगभग पांच फीसदी मरीज ही ऐसे हैं, जिन्हें आइसीयू, ऑक्सीजन सपोर्ट या वेंटीलेटर पर रखा गया है। इनमें भी वेंटीलेटर पर रखे गए मरीज कुल सक्रिय मरीजों का 0.35 फीसदी से भी कम हैं। सरकार की पूरी कोशिश ऐसे गंभीर मरीजों की बेहतर देखभाल कर कोरोना से होने वाले मृत्यु को रोकना है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कोरोना के मरीजों के बेहतर प्रबंधन के कारण भारत में उनके इलाज में कोई समस्या नहीं आई है। यही कारण है कि प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 18.6 मौत के साथ भारत दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है। उन्होंने कहा कि 80 फीसदी बिना लक्षण या सामान्य लक्षण वाले मरीजों को घर पर रहने की सलाह दी गई है। केवल 20 फीसदी मरीजों को अस्पताल में भर्ती में कराने जरूरत पड़ रही है, उनमें भी 15 फीसदी मरीजों को डाक्टरों की निगरानी में रखा गया है। केवल 1.94 फीसदी मरीज आक्सीजन पर और 2.81 फीसदी मरीज आइसीयू में हैं।
63 फीसद से ज्यादा मरीज हुए ठीक
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जरूरतमंद मरीजों को मिल रहे बेहतर इलाज का नतीजा है कि स्वस्थ्य होने वाले मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। कुल 10,03,832 मरीजों में से 6,35,757 मरीज स्वस्थ्य हो चुके हैं। इस तरह कुल मरीजों में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 63.33 फीसदी हो गई है। उनके अनुसार बड़ी संख्या में टेस्टिंग होने से कुछ राज्यों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर आइसोलेशन में रखकर इलाज शुरू करने से आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या कम हो सकती है। जैसा कि दिल्ली में देखने को मिला है।