Move to Jagran APP

लेनैन ने यूक्रेन पर रूस के कब्जे को बताया गलत, कहा- युद्ध के प्रभावों को कम करने के भारत और फ्रांस एकजुट

फ्रांसीसी राजदूत इमैनुएल लेनैन ने कहा है कि यूक्रेन में रूसी युद्ध बिना उकसावे के खुलेआम हमला है। उन्होंने कहा कि फ्रांस और भारत खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा पर युद्ध के नतीजों के प्रभाव को कम करने के तरीकों पर काम कर रहे हैं।

By AgencyEdited By: Amit SinghPublished: Sun, 02 Oct 2022 04:30 AM (IST)Updated: Sun, 02 Oct 2022 04:30 AM (IST)
लेनैन ने यूक्रेन पर रूस के कब्जे को बताया गलत, कहा- युद्ध के प्रभावों को कम करने के भारत और फ्रांस एकजुट
लेनैन ने यूक्रेन पर रूस के कब्जे को बताया गलत

नई दिल्ली, प्रेट्र: फ्रांसीसी राजदूत इमैनुएल लेनैन ने कहा है कि यूक्रेन में रूसी युद्ध बिना उकसावे के 'खुलेआम हमला' है। उन्होंने कहा कि फ्रांस और भारत खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा पर युद्ध के नतीजों के प्रभाव को कम करने के तरीकों पर काम कर रहे हैं। राजदूत ने एक साक्षात्कार में कहा कि फ्रांस ने रूस द्वारा यू्क्रेन के चार क्षेत्रों के अवैध कब्जे की कड़ी निंदा की है और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून और यूक्रेन की संप्रभुता दोनों का गंभीर उल्लंघन बताया है।

loksabha election banner

पीएम मोदी के आह्वान का किया स्वागत

संघर्ष को समाप्त करने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से हाल में आह्वान करने का स्वागत करते हुए, राजदूत ने कहा कि भारत और फ्रांस दोनों के नेता मास्को को बातचीत की मेज पर लौटने के वास्ते राजी करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि पुतिन साम्राज्यवाद के समय में लौटना चाहते हैं और हम यूरोप में, कहीं और भी इससे बचना चाहते हैं, खासकर इस क्षेत्र में जहां मैं बात कर रहा हूं। लेनैन ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी, हम यह नहीं चाहते हैं और मुझे यकीन है कि भारत भी नहीं चाहता कि कोई भी पड़ोसी आक्रामकता से सीमाओं पर अतिक्रमण करे।

यूक्रेन के चार हिस्से रूस में शाम

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के हिस्सों को रूस में 'अवैध तरीके से शामिल करने' संबंधी संधियों पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए थे, जिसके बाद सात महीने से जारी युद्ध में तनाव और बढ़ गया। पुतिन के इस नवीनतम कदम पर यूरोपीय संघ ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त बयान जारी कर चार क्षेत्रों- डोनेस्क, लुहांस्क, खेरसान और जपोरिजिया के अवैध विलय को खारिज करते हुए उसकी निंदा की थी।राजदूत ने कहा कि फ्रांस, भारत के निर्णय की स्वायत्तता का ''बहुत सम्मान'' करता है और पिछले महीने समरकंद में पुतिन के साथ एक बैठक के दौरान मोदी की उस टिप्पणी की सराहना करता है कि ''आज का युग युद्ध का नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.