अब और भी खूबसूरत एहसास दिलाएगा Leh-Ladakh, महिलाओं का ग्रुप पर्यटकों को दे रहा ये खास संदेश
Women Alliance की सिपाही Leh में जगह-जगह जागरूक कर रही हैं कि वे प्लास्टिक के सामान का इस्तेमाल न करने के साथ कूड़े का सही तरह से निस्तारण करें।
विवेक सिंह, जम्मू। 'लद्दाख आएं पर साथ प्लास्टिक न लाएं, वापसी पर कचरा नहीं अच्छी यादों को साथ ले जाएं'। लद्दाख की महिलाओं का एक संगठित ग्रुप पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को इसी संदेश से पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक कर रहा है। ये महिलाएं नशे के खिलाफ भी मोर्चा खोले हुए हैं।
केंद्र शासित प्रदेश बनने पर लद्दाख में पर्यटन की संभावनाएं बढ़ी हैं। ऐसे में हर चेहरे पर खुशी झलकने के साथ मामूली शिकन भी है। इसका कारण पर्यटकों की भारी आमद से प्लास्टिक से जल स्त्रोत में प्रदूषण का खतरा बढ़ा है तो दूसरा शराबखोरी में वृद्धि हुई। लेह में संगठित हुई वुमेन अलायंस ने पैंगांग झील में पर्यटकों द्वारा फेंके गए कचरे को एकत्रित कर किनारे किया। वुमेन अलायंस की सिपाही लेह में जगह-जगह जागरूक कर रही हैं कि वे प्लास्टिक के सामान का इस्तेमाल न करने के साथ कूड़े का सही तरह से निस्तारण करें।
1994 में चंद महिलाओं ने समूह बनाया
वर्ष 1994 में चंद महिलाओं ने मिलकर लेह में समूह बनाया था। आज यह मजबूत संगठन है, जिसमें 100 गांवों की छह हजार से अधिक महिलाओं ने मिलकर लेह को प्रदूषण मुक्त बनाने और कुरीतियां दूर करने की शुरुआत की।
शराब के कारण परिवारों में कलह हो रही
वुमेन अलायंस का नेतृत्व करने वाली मारूप डोल्मा का कहना है कि प्रदूषण भविष्य के लिए खतरा बन रहा है तो शराब लेह के मजबूत पारिवारिक रिश्तों में दरार पैदा कर रही है। हम लोगों को पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूक बनाने के साथ ऐसी दुकानों पर धावा बोलती हैं जो अवैध रूप से शराब बेचते हैं। शराब मारपीट, हादसों और दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं। लाइसेंस वाली शराब की दुकानें और न खुलें, इसके लिए समाज को जागरूक बनाने की मुहिम चलाई है। लेह के चांग्सपा में काफी होटल, लाज बनने के बाद शराब की कोई दुकान नहीं खुली है। महिलाएं नुक्कड़ नाटक कर पर्यटकों को जागरूक बनाती हैं।
लेह को प्लास्टिक मुक्त बनाने में निभाई अहम भूमिका
1994 में वुमेन अलायंस के गठन के साथ इन महिलाओं ने लद्दाख में प्लास्टिक के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया था। उनके प्रयासों के कारण लेह में 1998 में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा था। इसके बाद प्लास्टिक अनेक रूपों में पहुंच रहा है। ऐसे में अब प्रदूषण को रोकने के लिए लोगों को जागरूक करने की मुहिम जारी है। लेह में रोजाना 20 टन से अधिक कचरा पैदा होता है। अब शहर में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर 5,000 रुपये जुर्माना वसूला जाता है।
हर कंधे पर है समाज को बचाने की जिम्मेदारी : वांग्याल
लद्दाख हिल डेवलपमेंट काउंसिल के चीफ एक्जीक्यूटिव काउंसलर ग्याल वांग्याल का कहना है कि लद्दाख में शांति और खूबसूरती बनी रहे यह जिम्मेदारी सबकी है। हर किसी को इसमें योगदान देना चाहिए। हमारी कोशिश है कि शांति, साफ-सफाई और समृद्ध संस्कृति के लिए लद्दाख में प्लास्टिक का प्रदूषण संकट न बने। हिल काउंसिल और इसके सदस्य समाज को बेहतर बनाने के प्रयास कर रहे गैर सरकारी संगठनों के साथ मिल अभियान चला रहे हैं।
यह भी पढ़ें: पहले से और मजबूत हुई दिल्ली- ढाका के रिश्तों की डोर, जानें- बांग्लादेश और भारत को क्या मिला
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में प्रिंस विलियम की सुरक्षा को लेकर ब्रिटेन का शाही पैलेस चिंतित, दिया यह बयान