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Karam River Dam: मध्य प्रदेश में निर्माणाधीन बांध से रिसाव, धार और खरगोन के 18 गांव कराए गए खाली; मुंबई-आगरा राजमार्ग पर आवाजाही रोकी

धार-धामनोद मार्ग पर कारम नदी पर निर्माणाधीन बांध से शुक्रवार सुबह करीब 7.30 बजे फिर पानी का रिसाव शुरू हो गया। खतरे को देखते हुए निचले हिस्से में स्थित धार के 12 व खरगोन के छह गांवों को ताबड़तोड़ खाली कराया गया और रहवासियों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया।

By Amit SinghEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 05:00 AM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 05:00 AM (IST)
Karam River Dam: मध्य प्रदेश में निर्माणाधीन बांध से रिसाव, धार और खरगोन के 18 गांव कराए गए खाली; मुंबई-आगरा राजमार्ग पर आवाजाही रोकी
धार और खरगोन के 18 गांव कराए गए खाली

धार, जेएनएन: मध्य प्रदेश के धार जिले में धार-धामनोद मार्ग पर स्थित कारम नदी पर निर्माणाधीन बांध से दूसरे दिन शुक्रवार सुबह करीब 7.30 बजे फिर पानी का रिसाव शुरू हो गया था। खतरे को देखते हुए निचले हिस्से में स्थित धार के 12 व खरगोन के छह गांवों को ताबड़तोड़ खाली कराया गया और रहवासियों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया।

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बांध के टूट जाने की आशंका को देखते हुए सुबह मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग परधामनोद क्षेत्र के गांव पलाश से वाहनों की आवाजाही रोक दी गई। इससे करीब दो हजार से ज्यादा वाहन जाम में फंसे रहे। दोपहर करीब 1.30 बजे रिसाव रोकने में कुछ सफलता मिली तो आवाजाही की इजाजत दी गई थी, मगर देर रात करीब 11 बजे बांध में कई जगह मिट्टी धंसने की समस्या को देखते हुए आवाजाही पर फिर प्रतिबंध लगा दिया गया।

गांव गुजरी के कुछ क्षेत्र को भी खाली करवा लिया गया है। नदी में तीन स्थानों पर पानी की निकासी का रास्ता बनाने और पोकलेन मशीन से रिसाव वाले क्षेत्र में मिट्टी-मुरम डालने के बाद राहत की स्थिति बनी। रिसाव पूरी तरह रुका नहीं है। भोपाल और शिवपुरी से जल संसाधन विभाग की 15 लोगों की टीम आई है, जो बांध को दुरस्त करने में लगी हुई है। एनडीआरएफ की 40 सदस्यीय टीम भी पहुंच गई है।

बता दें कि कोठीदा-भारडपुरा गांव के पास 590 मीटर लंबे और 52 मीटर ऊंचे मिट्टी के बांध का निर्माण जल संसाधन विभाग ने दिल्ली की एएमएस कंस्ट्रक्शन कंपनी से कराया है। इसका 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और अब तब 174 करोड़ रपये व्यय हो चुके हैं। गुरवार को भी दोपहर करीब एक बजे बांध से रिसाव शुरू हो गया था। शाम होते-होते रिसाव को रोक दिया गया था।

सेना के जवानों और इंजीनियरों का दल रवाना

अपर मुख्य सचिव गृह डा. राजेश राजौरा ने बताया कि बांध से रिसाव के खतरे को देखते हुए सेना के जवान और इंजीनियरों का दल देर रात रवाना हो गया है। वहीं, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की तीन अतिरिक्त दल बचाव सामग्री के साथ धामनोद भेजे जा रहे हैं। सेना के दो हेलिकाप्टर भी मदद के लिए तैयार रखे गए हैं। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि बांध की कमजोरी की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है, जो तीन दिनों में रिपोर्ट देगी। लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

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निर्माणाधीन बांध से सीपेज के कारण जो परिस्थिति पैदा हुई है, मैं उसकी लगातार समीक्षा कर रहा हूँ।जनता की सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा धार जिले के 12 गांव एवं खरगोन जिले के 6 गांव के प्रवासियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। नागरिकों से अपील है कि वह प्रशासन का सहयोग करें:CM - CM Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) 13 Aug 2022


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