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सीजेआइ को फंसाने की साजिश: कोई फिक्सिंग रैकेट चल रहा है तो इसकी जड़ तक जाएंगे- SC

मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई के खिलाफ सजिश के मामले में सुप्रीम कोर्ट में माना है कि उत्सव बेंस द्वारा पेश किए गए दस्तावेज गंभीर है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 11:52 AM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 12:12 PM (IST)
सीजेआइ को फंसाने की साजिश: कोई फिक्सिंग रैकेट चल रहा है तो इसकी जड़ तक जाएंगे- SC
सीजेआइ को फंसाने की साजिश: कोई फिक्सिंग रैकेट चल रहा है तो इसकी जड़ तक जाएंगे- SC

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश पर लगे अमर्यादित व्यवहार के आरोपों के पीछे बड़ी साजिश और फिक्सर कारपोरेट लाबी के शामिल होने के आरोपों पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए साफ किया कि न्यायपालिका में फिक्सरों (दलाल बिचौलियों) की कोई भूमिका नहीं है। अगर कोर्ट में कोई फिक्सिंग रैकेट चल रहा है तो उसकी जड़ तक जाएंगे। मामले की जांच होगी।

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कोर्ट ने कहा मामला गंभीर है न्यायपालिका की स्वतंत्रता खतरे में है। इस मामले का सीजेआइ के खिलाफ लगे आरोपों की जांच से लेना देना नहींइन टिप्पणियों के साथ ही मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, रोहिंग्टन फली नारिमन और दीपक गुप्ता की पीठ ने साफ किया कि कारपोरेट फिक्सिंग के इन आरोपों की सुनवाई, जांच और कोर्ट के आदेश का मुख्य न्यायाधीश पर लगे अमर्यादित व्यवहार के आरोपों की प्रशासनिक छोर से जांच कर रही कमेटी की कार्रवाही पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

इस मामले का उससे कोई लेनादेना नहीं है। ये जारी रहा तो न संस्था बचेगी न हम सबकोर्ट ने वकील उत्सव बेंस के हलफनामे में फिक्सर लाबी की साजिश के लगाए गए आरोपों को गंभीर बताते हुए कहा कि अगर आरोप के मुताबिक फिक्सिंग जारी रही और न्यायपालिका के काम में दखल देती रही तो, न ये संस्था बचेगी और न ही हम सब। कोर्ट ने आदेश में कहा कि यहां फिक्सरों के लिए कोई जगह नहीं है। आरोपों की गंभीरता देखते हुए मामले को ऐसे नहीं छोड़ा जा सकता। कोर्ट की जिम्मेदारी है कि वह इस संस्था को स्वच्छ रखे और सुनिश्चित करे कि कोई इस तरह के आरोप लगाकर संस्था की छवि न खराब करे। मामले की जांच होगी। लेकिन जांच का आदेश देने और उसका तौर तरीका तय करने से पहले कोर्ट बेंस द्वारा दी गई सूचना के बारे में गोपनीयता बनाये रखने की मांग पर सुनवाई करेगा। विचार होगा कि आपराधिक मामलों में इस तरह किसी सूचना को लेकर प्रिवलेज का दावा किया जा सकता है कि नहीं।

इस मुद्दे पर गुरुवार को कोर्ट अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वकील उत्सव बेंस की दलीलें सुनेगा। हालांकि अटार्नी ने कहा कि प्रिवलेज का दावा नहीं किया जा सकता। इसके अलावा कोर्ट ने बेंस को गुरुवार सुबह तक अतिरिक्त हलफनामा दाखिल कर कुछ और सामग्री पेश करने की छूट दी है। सीबीआइ, आईबी और दिल्ली पुलिस मुखिया को बुलाया कोर्टकोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई और बेंस द्वारा पेश सामग्री और सबूतों को देखने के बाद दोपहर मे सीबीआइ निदेशक, आईबी निदेशक और दिल्ली पुलिस आयुक्त से चैम्बर में चर्चा की। कोर्ट ने अधिकारियों से आग्रह किया है कि वह आरोपों के समर्थन में पेश की गई सामग्री और साक्ष्यों को जब्त कर लें।

उत्सव बेंस ने हलफनामा दाखिल कर आरोप लगाया है कि सीजेआइ पर अमर्यादित आचरण के आरोप लगाने के पीछे बड़ी साजिश है ताकि सीजेआइ अपने पद से इस्तीफा दे दें। इसके पीछे कारपोरेट फिक्सर लाबी और सुप्रीम कोर्ट के नौकरी से निकाले गए तीन पूर्व कर्मचारी विशेष रूप से तपन कुमार चक्रवर्ती, मानव शर्मा और एक अन्य शामिल है। इन आरोपों को कोर्ट ने आदेश में दर्ज किया है। बेंस कोर्ट के आदेश पर बुधवार को पेश हुए और उन्होंने सील बंद लिफाफे में कोर्ट को एक और हलफनामा सौंपा जिसमें साजिश से जुड़ी कुछ और जानकारी दी गई थीं। बेंस ने यह भी कहा कि उनके पास फिक्सर कारपोरेट लाबी के सीसीटीवी फुटेज हैं जिसे कोर्ट मामले की न्यायिक जांच के दौरान देख सकता है।

उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि मामले की न्यायिक जांच कराई जाए क्योंकि सीबीआइ पर राजनैतिक हथियार बनने के आरोप लगते रहते हैं और पुलिस भी राज्य सरकार के अधीन होती है। बेंस ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बचाने के लिए उन्होंने यह हलफनामा दाखिल किया है। कोर्ट ने उन्हें याद दिलाया कि झूठे हलफनामे का परिणाम वह जानते होंगे। उत्सव ने कोर्ट से कुछ सूचनाओं का खुलासा करने के बारे में गोपनीयता को लेकर प्रिवलेज की मांग की है। हालांकि कोर्ट ने मौखिक तौर पर बेंस से कहा कि अगर अधिकारी किसी सूचना के लिए उनके पास आते हैं तो उन्हें वह सूचना मुहैय्या कराएंगे।सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने हलफनामा दाखिल करने से पहले बेंस द्वारा इसी बारे में लिखे गए फेसबुक पोस्ट का मुद्दा उठाया और कुछ चीजों पर सवाल उठाए जिस पर बेंस ने विरोध किया।

बेंस के अटार्नी जनरल के खिलाफ बोलने पर पीठ ने उन्हें ऐसा करने से रोका भी। पीठ ने कहा कि ये सबसे प्रतिष्ठित और वरिष्ठ वकील हैं इनसे हम न्यायाधीश भी सीखते हैं। आप इनके लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकते। कोर्ट दे एसआईटी जांच के आदेशतभी सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अटार्नी की ओर से उठाई गई आपत्तियों के पहलुओं को छोड़कर बाकी मामला उन्हें भी गंभीर लगता है। और कोर्ट को अपनी निगरानी में मामले की एसआइटी जांच के आदेश देने चाहिए। पेश सबूत गंभीर रखे जाएंगे गोपनीयकोर्ट ने कहा कि वकील की ओर से लगाए गए आरोप और पेश सामग्री बहुत संवेदनशील है और फिलहाल वे इसके बारे मे कोई खुलासा नहीं करना चाहते।

कोर्ट ने कहा कि मामले में पूरी गोपनीयता बरती जाएगी। यहां तक कि कोर्ट ने बेंस से कहा कि अगर वह हलफनामा दाखिल कर कोई और जानकारी देना चाहते हैं तो वह उसे टाइपिस्ट से टाइप न कराएं क्योंकि वहां से भी सूचना लीक हो सकती है। कोर्ट ने बेंस से कहा कि वह हाथ से लिख कर हलफनामा दे या फिर स्वयं टाइप करें। सीजेआइ सिस्टम साफ करना चाहते हैं पहले किसी ने यह साहस नहीं कियासुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि अगर आरोप सही हैं तो न्यायपालिका की स्वतंत्रता खतरे में है। आरोप कहते हैं कि साजिश के पीछे सुप्रीम कोर्ट के नौकरी से निकाले गए पूर्व कर्मचारी एक साथ लामबंद हैं। ये बड़ी परेशान करने वाली बात है। सीजेआई ने सिस्टम को साफ करने की कोशिश की है। उन्होंने लोगों के खिलाफ कार्रवाई की। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। किसी ने ऐसा करने का साहस नहीं किया था।

कमेटी ने शिकायतकर्ता महिला को भेजा नोटिस
मुख्य न्यायाधीश पर लगे आरोपों की जांच कर रही तीन सदस्यीय कमेटी ने शिकायतकर्ता महिला को नोटिस भेजा है। इसके साथ ही कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट सेकरेट्री जनरल को भी सारे रिकार्ड के साथ सुनवाई के दौरान पेश रहने को कहा है। कमेटी मामले मे शुक्रवार को सुनवाई करेगी। 


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