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टी-शर्ट में बिस्तर पर लेटकर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में पेश हुआ वकील, अदालत ने लगाई फटकार, जानें क्‍या कहा

सुप्रीम कोर्ट में किसी केस की पैरवी करने के लिए एक वकील बिस्तर पर लेटे हुए और टी-शर्ट पहनकर ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हो गए। जानें नाराज अदालत ने क्‍या कहा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 03:55 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2020 04:54 AM (IST)
टी-शर्ट में बिस्तर पर लेटकर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में पेश हुआ वकील, अदालत ने लगाई फटकार, जानें क्‍या कहा
टी-शर्ट में बिस्तर पर लेटकर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में पेश हुआ वकील, अदालत ने लगाई फटकार, जानें क्‍या कहा

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मामलों की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट को उस वक्‍त एक अप्रत्‍याशित वाकए से रूबरू होना पड़ा जब किसी केस की पैरवी करने के लिए एक वकील बिस्तर पर लेटे हुए और टी-शर्ट पहनकर ही अदालत के सामने पेश हो गए। वकील के इस व्‍यवहार पर न्‍यायमूर्ति ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सुनवाई के दौरान अदालत के आदर्शों और शिष्‍टाचार का अनुपालन किया जाना चाहिए।

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देश की शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि वीडियो कांफ्रेंस के जरिए मुकदमों की सुनवाई में शामिल हो रहे वकील कम से कम पेशी के अनुरूप दिखने चाहिए। अदालत को ऐसी तस्वीरें दिखाने से बचना चाहिए जो किसी भी लिहाज से उपयुक्त नहीं हैं। हालांकि वकील ने अपने इस व्‍यवहार के लिए अदालत से मांफी मांगी जिसके बाद न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट ने उनकी गुजारिश स्‍वीकार करते हुए उन्‍हें माफ कर दिया।

वकील ने शीर्ष अदालत से माफी मांगते हुए कहा कि टी-शर्ट पहनकर बिस्तर पर लेटे हुए कोर्ट में पेश होना गलत है। सुप्रीम कोर्ट ने 15 जून के अपने आदेश में कहा कि अदालत का यह मानना है कि जब वकील अदालत में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सुनवाई में पेश हो तो उन्हें शिष्‍टाचार का अनुपालन करना चाहिए। पेशी के दौरान वकील को ऐसी तस्वीरें दिखाने से बचना चाहिए। ऐसी तस्‍वीरें उनके घरों की निजता के दायरे में ही सहन की जा सकती हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सभी कोरोना संकट से गुजर रहे हैं। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई दिनचर्या का हिस्सा बन गई है। ऐसे में सुनवाई के दौरान जन प्रकृति के तहत वकील को सभ्य परिधान में अदालत के न्यूनतम तौर तरीकों का अनुपालन करना चाहिए। 

यह घटना रेवाड़ी (हरियाणा) की एक पारिवारिक अदालत में लंबित मामले को बिहार के जहानाबाद में उचित अदालत में स्‍थानांतरित करने का अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान हुई। बीते अप्रैल में भी राजस्थान हाईकोर्ट को इसी तरह के वाकए से गुजरना पड़ा था। उस वक्‍त वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई में एक वकील बनियान पहनकर अदालत में पेश हो गया था जिस पर राजस्थान हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई थी।


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