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कानून मंत्री रिजिजू ने कहा, लोगों को मिलना चाहिए त्वरित और सस्ता न्याय, सभी अंगों की है सामूहिक जिम्मेदारी

रिजिजू ने कहा मैं हम सभी को याद दिलाना चाहता हूं कि शीघ्र और सस्ता न्याय लोगों की वैध अपेक्षा है तथा यह राज्य के विभिन्न अंगों की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि यह सभी हितधारकों के लिए अहम है कि इस उद्देश्य के लिए वे मिलकर काम करें।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sat, 02 Oct 2021 08:12 PM (IST)Updated: Sat, 02 Oct 2021 08:29 PM (IST)
कानून मंत्री रिजिजू ने कहा, लोगों को मिलना चाहिए त्वरित और सस्ता न्याय, सभी अंगों की है सामूहिक जिम्मेदारी
रिजिजू ने देश में कानून की शिक्षा को मजबूत करने की जरूरत पर भी दिया जोर

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने शनिवार को कहा कि सभी लोगों को त्वरित और सस्ता न्याय मिलना चाहिए। यह लोगों की वैध अपेक्षा है। इसे सुनिश्चित करना राज्य के सभी अंगों की सामूहिक जिम्मेदारी है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नाल्सा) के छह सप्ताह तक चलने वाले अखिल भारतीय कानूनी जागरूकता और जनसंपर्क अभियान की शुरुआत के मौके पर कानून मंत्री ने देश की विधि शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया।

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रिजिजू ने कहा, 'मैं हम सभी को याद दिलाना चाहता हूं कि शीघ्र और सस्ता न्याय लोगों की वैध अपेक्षा है तथा यह राज्य के विभिन्न अंगों की सामूहिक जिम्मेदारी है।' उन्होंने कहा कि यह सभी हितधारकों के लिए अहम है कि 'इस उद्देश्य' के लिए वे मिलकर काम करें।

मंत्री ने कहा कि न्याय तक पहुंच को संविधान में कानूनी ढांचे के अभिन्न हिस्से के रूप में मान्यता दी गई है और इसे हासिल करने एवं मूर्त रूप देने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण एवं सरकार के विभिन्न विभागों और न्यायपालिका के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत होगी।

मध्यस्थता पसंदीदा रास्ता बने

उन्होंने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जानी चाहिए कि कारोबारी विवाद को सुलझाने में मध्यस्थता पसंदीदा रास्ता बने, क्योंकि इससे अदालतों पर बोझ कम होगा और देश में निवेश आने के साथ ही इससे व्यापार सुगमता एवं जीवनयापन सुगमता में सुधार होगा।

उन्होंने कहा कि कानूनी शिक्षा को मजबूत किया जाना चाहिए और इस मामले में विधि महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है। रिजिजू ने कहा, 'आज के विधि छात्र कल के वकील और न्यायाधीश हैं।'

सीजेआइ ने जजों की नियुक्ति में सरकार का सहयोग मांगा

समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक कार्यक्रम में मौजूद प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) एनवी रमना ने कहा कि कानून मंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने विभिन्न हाई कोर्ट में नौ मुख्य न्यायाधिशों समेत अन्य जजों की नियुक्ति के लिए जिन नामों की सिफारिश की है, सरकार उस पर जल्द फैसला करेगी। मई के बाद से कोलेजियम ने विभिन्न हाई कोर्ट में नियुक्ति के लिए 106 और नौ मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए जजों के नाम सरकार के पास भेजे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने इनमें से कुछ नामों को मंजूरी दे दी है और कानून मंत्री ने उन्हें बताया है कि एक-दो दिन में बाकी के नाम को भी मंजूरी दे दी जाएगी।

'आजादी के अमृत महोत्सव' के तहत कार्यक्रम

इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश यूयू ललित और न्यायमूíत एएम खानविल्कर भी मौजूद थे। नाल्सा के ये संपर्क अभियान देश की आजादी के 75 वें साल में 'आजादी के अमृत महोत्सव' समारोह के तहत आयोजित किये जा रहे हैं।

हमारा लक्ष्य 'महिलाओं के नेतृत्व में विकास' का होना चाहिए: राष्ट्रपति

नाल्सा कार्यक्रम की शुरुआत पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने विधिक सेवा संगठनों में महिलाओं की संख्या बढ़ाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि बतौर देश हमारा लक्ष्य 'महिला विकास' से 'महिलाओं के नेतृत्व में विकास' की दिशा में आगे बढ़ना होना चाहिए।

राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि विधिक सेवाएं प्राधिकरण को समाज में हाशिये पर रहने वाल तबके की मदद के लिए विशेष प्रयास करना चाहिए। महात्मा गांधी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि गरीबों की मदद के लिए उन्होंने (गांधी ने) नि:स्वार्थ काम किया तथा दक्षिण अफ्रीका में बंधुआ मजदूर के मुद्दों को प्रशासन एवं अदालतों के समक्ष उठाने में उनकी भरपूर मदद की वह भी बिना फीस की परवाह किए।


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