Missing Children: पिछले साल मध्य प्रदेश में 29 व राजस्थान में 14 बच्चे हर दिन हुए लापता, लड़कियों को लेकर चौंकाने वाली है 'क्राई' की ये रिपोर्ट
Missing Children गत वर्ष दिल्ली के आठ जिलों में 1641 बच्चों की गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज हुआ। इनमें 85 प्रतिशत बच्चों व किशोरों की उम्र 12-18 वर्ष के बीच थी। उत्तर-पूर्व जिले में जहां सर्वाधिक गुमशुदगी दर्ज हुई वहीं दक्षिण-पूर्व जिले में इसकी संख्या सबसे कम रही।
नई दिल्ली, प्रेट्र। उत्तर भारत के चार बड़े प्रदेशों में बच्चों की गुमशुदगी के मामलों में चिंताजनक वृद्धि हुई है। गैर सरकारी संगठन (NGO) चाइल्ड राइट्स एंड यू (Child Rights and You, CRY) की तरफ से जारी नई रिपोर्ट के मुताबिक गत वर्ष मध्य प्रदेश में 29 व राजस्थान में 14 बच्चे हर दिन लापता हुए। क्राई की तरफ से जारी 'स्टेटस रिपोर्ट आन मिसिंग चिल्ड्रेन' में बताया गया है कि दिल्ली के आठ जिलों से गत वर्ष रोजाना पांच बच्चे लापता हुए। उत्तर प्रदेश के 58 जिलों में औसतन रोजाना आठ बच्चों (छह लड़कियां व दो लड़के) की गुमशुदगी दर्ज हुई। पढ़िए यह रिपोर्ट..
गुमशुदगी के मामलों में मप्र में 26 व राजस्थान में 41 प्रतिशत की वृद्धि
क्राई के सहयोगी संगठन की तरफ से सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत प्राप्त जानकारी में नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का जिक्र किया गया है। इसके तहत वर्ष 2020 में मध्य प्रदेश में जहां बच्चों की गुमशुदगी के 8,751 मामले दर्ज हुए, वहीं राजस्थान में 3,179 मामले पंजीकृत किए गए। वर्ष 2021 में मध्य प्रदेश में 10,648 व राजस्थान में 5,354 मामले पंजीकृत हुए। इस प्रकार वर्ष 2020 के मुकाबले वर्ष 2021 में गुमशुदगी के मामलों में मध्य प्रदेश में 26 व राजस्थान में 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
-2021 में मध्य प्रदेश व राजस्थान में लड़कों के मुकाबले पांच गुना लड़कियों की गुमशुदगी के मामले हुए दर्ज
-मध्य प्रदेश के इंदौर, भोपाल, धार, जबलपुर व रीवा जिलों में सबसे ज्यादा आए गुमशुदगी के मामले
-4,468 लड़कियां व 886 लड़के लापता हुए गत वर्ष राजस्थान में
-12 लड़कियां व दो लड़के औसतन रोजाना गुम हुए राजस्थान में
उप्र में लापता 88.9 प्रतिशत बच्चों व किशोरों की उम्र 12-18 के बीच
गत वर्ष उत्तर प्रदेश के 75 में से 58 जिलों में कुल 2,998 बच्चों की गुमशुदगी दर्ज हुई। इनमें 835 लड़के व 2,163 लड़कियां शामिल हैं। लापता 88.9 प्रतिशत बच्चों व किशोरों की उम्र 12-18 साल के बीच रही।
-लखनऊ, मुरादाबाद, कानपुर नगर, मेरठ व महाराजगंज जिले बच्चों की गुमशुदगी के मामले में शीर्ष पर रहे
दिल्ली के उत्तर-पूर्व जिले में सबसे ज्यादा गुमशुदगी
गत वर्ष दिल्ली के आठ जिलों में 1,641 बच्चों की गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज हुआ। इनमें 85 प्रतिशत बच्चों व किशोरों की उम्र 12-18 वर्ष के बीच थी। उत्तर-पूर्व जिले में जहां सर्वाधिक गुमशुदगी दर्ज हुई, वहीं दक्षिण-पूर्व जिले में इसकी संख्या सबसे कम रही। पश्चिम, उत्तर पश्चिम व दक्षिण जिले के आंकड़े नहीं उपलब्ध कराए गए।
क्राई की क्षेत्रीय निदेशक सोहा मोइत्रा ने कहा कि गत वर्ष मध्य प्रदेश व राजस्थान में गुमशुदा बच्चों में 83 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियां थीं। मध्य प्रदेश में जहां 8,876 लड़कियां लापता हुईं, वहीं राजस्थान में इनकी संख्या 4,468 थी। पिछले पांच वर्षो में लापता बच्चों में लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या अधिक होना चिंता का विषय है।