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ईमानदारी की मिसाल बना ये गांव, 435 सोने के सिक्कों का खजाना पुलिस को सौंपा

ये गांव बंगलुरु से 100 किमी दूर स्थित हैं जहां प्रशासनिक और पुरातात्विक विभाग के लोग गांव वालों की प्रशंसा कर रहे हैं।

By Mohit TanwarEdited By: Published: Fri, 19 May 2017 12:24 PM (IST)Updated: Fri, 19 May 2017 12:33 PM (IST)
ईमानदारी की मिसाल बना ये गांव, 435 सोने के सिक्कों का खजाना पुलिस को सौंपा
ईमानदारी की मिसाल बना ये गांव, 435 सोने के सिक्कों का खजाना पुलिस को सौंपा

बेंगलुरु, जेएनएन। इतिहास ऐसी कहानियों से भरा हुआ है जहां सोने के सिक्के के लालच के लिए कत्ल और क्रूर व्यवहार के कई किस्से मौजूद हैं। लेकिन वर्तमान युग में बनसमुद्र गांव में कुछ ऐसा हुआ है कि वो गांव आज पूरे समाज के लिए ईमानदारी का उदाहरण बन गया है। इस गांव में एक आदमी को जमीन खुदाई के दौरान 435 सोने के सिक्कों का छिपा हुआ खज़ाना मिला, जिसे उसने छिपाने के बजाय सरकार को सौंप दिया।

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ये गांव बंगलुरु से 100 किमी दूर स्थित हैं, जहां प्रशासनिक और पुरातात्विक विभाग के लोग गांव वालों की प्रशंसा कर रहे हैं।

बुधवार को लगभग 11 बजे  55 वर्षीय लक्ष्यम्मा (जमीन मालिक) ने कुछ मजदूरों के साथ मिलकर घर के लिए नींव रखने के लिए खुदाई शुरू की। उस दौरान उन्हें जमीन में कुछ धातु मिली। जिसके कुछ देर बाद जब उन्हें साफ किया तो उन्हें एहसास हुआ कि ये सोने के सिक्के अतीत से कुछ अनमोल हो सकते हैं। 

हालांकि कुछ ग्रामीणों ने सुझाव दिया कि सिक्कों को पास के शहर में एक सुनार के पास ले जाया जाए, लेकिन लक्ष्यम्मा और उनके परिवार के सदस्यों ने हालगुर पुलिस को सूचित करने का फैसला किया। छिपे हुए खजाने की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे पुलिस निरीक्षक श्रीधर ने सिक्कों को अपनी हिरासत में ले लिया।

मंड्या सहायक आयुक्त अरुल कुमार ने कहा कि सिक्कों का कुल वजन 160 ग्राम है प्रत्येक सिक्के का एक अनूठा डिजाइन है और यह दूसरों से अलग है। सिक्कों को तहसीलदार द्वारा कर्नाटक ट्रेजर ट्रॉव एक्ट 1962 के तहत पुलिस से लिया गया है और परीक्षा के लिए पुरातत्व विभाग को भेजा जाएगा। प्रशासन ने लक्ष्यम्मा की कार्रवाई की सराहना की है।

मलवल्ली के विधायक पीएम नरेंद्र स्वामी ने बताया कि छिपे हुए खजाने को सौंपने के साथ यह बात साफ हो जाती है कि राज्य के इस हिस्से में सत्य और ईमानदारी अभी भी मौजूद है। स्वामी ने सिक्कों का अध्ययन करने और ऐतिहासिक महत्व का पता लगाने के लिए क्षेत्र में उत्खनन शुरू करने का अनुरोध किया।

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