Lancet report: चौंकाने वाली है रिपोर्ट, भारत में हर रोज सड़क दुर्घटना में जाती है 600 लोगों की जान
भारत में हर रोज 600 लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होकर अपनी जान गंवा देते हैं। यह आंकड़ा अपने आप में बेहद चौंकाने वाला है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। भारत में हर रोज 600 लोगों की मौत सड़क हादसे में होती है। यह चौंकाने वाली बात द लांसेंट पब्लिक हेल्थ जर्नल की रिसर्च में सामने आई है। लांसेट की रिपोर्ट के मुताबिक यह आंकड़ा वर्ष 2017 का है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वर्ष 2017 में देशभर में कुल 2.19 लाख लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई थी। वहीं राज्यों के परिवहन विभागों की जानकारी के मुताबिक 71000 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई थी। आपको बता दें कि लांसेट की इस रिपोर्ट को वर्बल ऑटाप्सी रिपोर्ट्स के आधार पर तैयार किया गया है।
दरअसल, वर्बल ऑटोप्सी रिपोर्ट व्यक्ति के साथ हुई घटना की जानकारी लेकर यह तय किया जाता है कि उसकी मौत किस वजह से हुई है। यह रिपोर्ट वर्ष 1990 से 2017 तक के बीच हुए सड़क हादसों में घायल और मृत लोगों के अध्ययन के बाद बनाई गई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अवधि में सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों की संख्या करीब 58.7 फीसद तक बढ़ी है। यह केवल भारत का आंकड़ा है। वहीं वैश्विक स्तर की बात करें तो सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों की संख्या में करीब 8.1 फीसद की तेजी आई है।
लांसेट की रिपोर्ट के मुताबिक सड़क हादसों में जितने लोग मारे गए उनमें अनुमानित तौर पर 76,729 लोग पैदल चलने वाले थे, जबकि दो पहिया वाहन चलाने वाले लोगों की संख्या 57,802 थी। करीब 15,324 लोग इस दौरान सड़क हादसों का शिकार हुए। हालांकि, लांसेट की रिपोर्ट में दर्ज आंकड़े और सरकारी आंकड़ों में करीब तीन गुणा का अंतर है। सड़क परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2017 में पैदल चलने वाले 20,457 लोगों की मौत हुई है, जबकि साईकिल चलाने वाले 3599 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा।
पुलिस के पास दर्ज एफआईआर के मुताबिक वर्ष 2017 में करीब 48,746 लोगों मोटर साइकिल सवार लोगों की मौत सड़क हादसोंं के दौरान हुई थी। भारत में एक लाख की आबादी में यह औसत 4.9 फीसद है, जबकि साईकिल चलाने वाले लोगों का औसत प्रति लाख 1.2 फीसद है। आपको बता दें कि इस रिसर्च रिपोर्ट को तैयार करने के लिए फंड की व्यवस्था बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ रिसर्च और परिवार एवं स्वस्थ्य मंत्रालय करता है।
यह भी पढ़ें:-
महिलाओं के मुकाबले ज्यादा बेहतर तरीके से झूठ बोलते हैं पुरुष, होते हैं अच्छे वक्ता
क्या आप जानते हैं आखिर कहां है आपके चहेते सांता क्लॉज का असली घर, कौन रहते हैं उनके साथ
NPR में हर व्यक्ति को दर्ज करानी होगी अपनी जानकारी, NRC और CAA से है अलग